शराबबंदी कानून में बदलाव पर बोले माझी, अब हो रहा अपनी गलती का एहसास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी कानून में बदलाव के संकेत वाली बात के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि अब नीतीश कुमार को अपनी गलती का एहसास हो रहा है।
पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव करने के संकेत देने के बाद हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि जब गरीब और दलित जेल में है और सामने चुनाव दिखाई दे रहा है तो वह अब शराबबंदी कानून में बदलाव करने को इच्छुक है। जीतनराम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सब मालूम है कि शराबबंदी कानून का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे है।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि कब कहां, क्या जरूरत है, सुधार की क्या-क्या अवश्यकता है, इस पर विचार चल रहा है। और हमारी सरकार से जो भी संशोधन हो सकेगा उसे पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश के इस बयान के बाद हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि दब से शराबबंदी कानून लागू हुआ है तब से लेकर आज तक दलित और गरीब ही शोषित हो रहे है। उन्हें शराब के नाम पर जेल भेजा जा रहा है। नीतीश के बयान पर पलटवार करते हुए जीतन राम माझी ने कहा कि अब बहुत देर ही गई है। बदलाव करने के बाद भी इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। दलित और गरीब जेल में बंद हैं। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी गलती का एहसास हो रहा है।
गौर हो कि जीतनराम माझी ने पहले भी कहा था कि शराबबंदी का कोई फायदा नहीं हो रहा है। इसमें अधिकतर पिछड़े और दलित ही जेल जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के एक कार्यक्रम में कहा था कि ऐसा मत समझिए कि हम लोगों की बात नहीं सुनते हैं। कहीं कोई कानून के प्रावधान हैं, जिसका सरकारी तंत्र के लोग लाभ उठा रहे हैं, तो लोगों को इसके कष्ट नहीं झेलना पड़ें, इसके उपाय किए जा रहे हैं। नीतीश के भाषण से कई बातें साफ हो गई कि शराबबंदी के बावजूद लोगों को शराब उपलब्ध हो रही है। इस पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग पी रहे होंगे, लेकिन घर में छुपकर पी रहे हैं।