मजदूर के बेटे को नई जिंदगी दे गया सोनू सूद का टि्वटर पर 'हो जाएगा' लिखना, अब हंसते-खेलते कटेगा जीवन
बिहार के लिए जरूरतमंदों की मदद की भावना सोनू में अब भी जारी है। बक्सर के पांच वर्षीय कैलाश के दिल का ऑपरेशन करा सोनू ने एकबार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। बच्चा अब हंस-खेल रहा है।
कंचन किशोर, बक्सर। लॉकडाउन के दौरान जब बिहार के प्रवासी कामगार अपने घर वापस आने को बेताब थे, तब अभिनेता सोनू सूद के दरियादिली के किस्से खूब सुनने को मिले। उन्होंने अपने पैसे से बस का प्रबंध कर हजारों प्रवासियों को सुरक्षित घर भेजा। बिहार के लिए जरूरतमंदों की मदद की भावना सोनू में अब भी जारी है। बक्सर के पांच वर्षीय कैलाश के दिल का ऑपरेशन करा सोनू ने एकबार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। टि्वटर पर मांगी गई मदद के जवाब में 'हो जाएगा' लिख सोनू की दरियादिली से हरिकिशुन बिंद का पांच साल का बेटा बिल्कुल स्वस्थ्य है और अपने गांव में हंस-खेल रहा है।
इलाज के लिए पटना तक आने का नहीं था पैसा
जिले के भरियार गांव के रहने हरिकिशुन मजदूरी करते हैं। उनके बेटे कैलाश के दिल में बचपन से ही छेद था। स्वजनों के पास इलाज के लिए पटना आने तक के पैसे नहीं थे। किसी तरह कैलाश का बड़ा भाई उसे लेकर आरा और पटना गया, पर इलाज न करा सका। इसबात की जानकारी जब दिल्ली में रहने वाले गांव के धीरज को मिली तो उसने अपने वाट्सऐप ग्रुप पर मैसेज कर लोगों से मदद मांगी। सहायता के रूप में एकत्रित हुए 25 हजार रुपये धीरज ने कैलाश के स्वजनों को दिए पर इतने पैसे इलाज के लिए नकाफी थे।
इलाज का खर्च सुन बैठा स्वजनों का दिल
डॉक्टरों से बात करने पर पता चला कि इलाज में पांच से छह लाख रुपये लगेगा और ऑपरेशन मुंबई में होगा।इतना खर्च सुनकर परिवार का दिल बैठ गया, लेकिन धीरज ने उन्हें दिलासा दिया और सोनू सूद को पूरी जानकारी देते हुए 28 अक्टूबर को ट्वीट कर दिया। धीरज का मैसेज देखते ही सोनू ने 'हो जाएगा' लिख दिया। इसके बाद उन्होंने गोविंद अग्रवाल नामक एक व्यक्ति से धीरज को लाइनअप कराया और उसके माध्यम से कैलाश को इलाज के लिए मुंबई आने को कहा।
मुंबई हुआ कैलाश का ऑपरेशन
सोनू सूद के बुलाने पर एक नवंबर को कैलाश के पिता और भाई उसे लेकर मुंबई पहुंच गए, जहां गोविंद अग्रवाल नामक व्यक्ति ने कैलाश को हाजी अली स्थित एसबारसीसी चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया। वहां दो दिन रहने के बाद कैलाश के दिल का डॉक्टरों की टीम ने किया। इस दौरान कहीं शूटिंग में व्यस्त सोनू सूद खुद डॉक्टरों से बात कर बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे। तीन दिन पहले बच्चे का सफल ऑपरेशन करा परिवार वापस बक्सर लौट आया है। बच्चे के भाई बताते हैं, हम उतने बड़े अस्पताल में कैलाश का कभी इलाज नहीं करा सकते थे, लेकिन उन्हें भगवान के रूप में सोनू सर मिल गए। मुंबई में रहने-खाने की भी व्यवस्था भी वही किए।