सोनपुर मेलाः चाचा नेहरू की रेल यात्रा से लेकर बुलेट ट्रेन के सपनों का नजारा
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में केवल जानवर ही नहीं बहुत कुछ है। यहां सांस्कृतिक आयोजनों का लुत्फ उठाया जा सकता है साथ ही तरह-तरह के सामानों की खरीदारी भी की जार सकती है।
पटना, जेएनएन। निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर भारतीय रेल अपने अतीत के समृद्ध इतिहास को चित्रों में समेट कर अपनी यात्रा का बखान कर रही है। इसे देखना हो तो हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के रेल ग्राम आएं। इसमें जैसे ही आप प्रवेश करेंगे आपको एक कतार में लगी रेलवे की विभिन्न भागों की अलग-अलग प्रदर्शनियां नजर आएंगी। इसे देखते हुए आप जैसे ही दक्षिण दिशा वाले बड़े हाल में प्रवेश करेंगे तो वहा आपका दीदार रेलवे के आरंभिक यात्रा के चित्रों से होगा। सन् 1863 में कैसे बैलगाड़ी से ट्रेन की बोगियों को खींचा जाता था। यह चित्र गायकवाड़ बडौदा का है।
ठीक बगल में हाथी से ट्रेन को संटिग करते हुए दर्शाया गया है। बुलेट ट्रेन की योजना पर काम कर रही भारतीय रेल उस काल में कितनी कठिनाइयों का सामना करते हुए आमजनों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराता था। रेल के लिए गर्व की बात है कि अतीत के धरोहरों को अपने संस्मरण के खजाने में संजोये हुए भारतीय रेल ने उन तस्वीरों को भी यहां सजा रखा है। उनमें सन 1895 के दौरान बीएनडब्लूआरइट का प्रयोग किया था। ये 1895 से 1947 के बीच के हैं। अपनी यात्रा की यादों को आगे बढ़ाते हुए रेल ने सोनपुर के जगजीवन रेलपुल तथा जेपी सेतु को भी दर्शाया है। उस समय मंत्री रहे बाबू जगजीवन राम भी सोनपुर आये थे।
पंडित नेहरू कर रहे रेल यात्रा
इन्हीं चित्रों में वह दुर्लभ चित्र भी लगा हुआ है जो पुराना गंडक पुल होते सोनपुर मेला आते श्रद्धालुओं को दर्शा रहा है। एक चित्र ऐसा भी है जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू को रेल यात्रा करते दिखाया गया है। प्रदर्शनी में अनेक ऐसे दुर्लभ चित्र लगे हुए हैं जो रेलवे की गौरवगाथा का बयान करते हैं। जैसे ही आप इस प्रदर्शिनी से बाहर आएंगे आपको सिग्नल, सुरक्षा और संरक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग आदि के अलावा रेलवे सुरक्षा बल की प्रदर्शनी देखने को मिलेगी। आरपीएफ के जवान एवं पदाधिकारी रेलयात्रा के दौरान आने वाली किसी भी कठिनाई के लिए टोल फ्री नंबर 182 डायल करने की अपील करेंगे। यह नंबर डायल करते ही आरपीएफ तुरंत अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
मेले में दौड़ रही टाटॉय ट्रेन
इस प्रदर्शनी में यात्रा के दौरान नशाखुरानी गिरोह से सदस्यों से बचाव का उपाय भी बताया जा रहा है। रेल यात्रा के दौरान किसी अनजान व्यक्ति से कुछ भी ना खाने-पीने की सलाह दी जा रही है। काफी दूर तक फैला रेल ग्राम बच्चों के मनोरंजन के लिए टाटॉय ट्रेन भी चला रहा है। कहने को यह टाय ट्रेन है ङ्क्षकतु इस पर बच्चों के साथ मेला घूमने आए अभिभावक भी टिकट कटा कर ट्रेन का लुत्फ उठा रहे हैं। रेल ग्राम के उद्घाटन के समय पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक और सोनपुर डीआरएम ने भी इसकी सवारी का लुत्फ उठाया था।