डॉक्टर के नाबालिग बेटे ने खुद को मार ली गोली, मौत के बाद उभरे कई सवाल
पटना एम्स के डॉक्टर त्रिभुवन के पुत्र ने गोली मारकर ली। उसके कमरे से एक अवैध पिस्टल और सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 10:30 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के आवासीय परिसर में बुधवार सुबह अफरातफरी मच गई, जब एक डॉक्टर दंपती के पुत्र 10वीं के छात्र अक्षत कुमार (16) ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अक्षत के पिता डॉ. त्रिभुवन कुमार एम्स में फिजियोलॉजी विभाग में कार्यरत हैं, जबकि मां डॉ. कुमारी नीलू स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। खुदकशी का कारण स्पष्ट नहीं है।
पुलिस ने कमरे से घटना में प्रयुक्त मुंगेर निर्मित 7.6 बोर की गैर लाइसेंसी पिस्टल, दो मैगजीन, दो कारतूस और खोखा बरामद किया है। वहीं से एक कॉपी मिली है, जिसमें कई दोस्तों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं। पुलिस ने कॉपी जब्त कर ली है। सूत्रों के अनुसार कॉपी में नाम और नंबर के ऊपर लिखा है - 'पुलिस भ्रष्ट है।' डीएसपी रामाकांत प्रसाद ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
पिस्टल मिलने से लोग अचंभित
अक्षत खगौल के रेडिएंट स्कूल से दसवीं की पढ़ाई कर रहा था। उसका छोटा भाई अभय भी उसी स्कूल में है। डॉ. त्रिभुवन मूलरूप से रोहतास जिले के सासाराम प्रखंड के निवासी हैं। वह पत्नी और बच्चों के साथ एम्स के आवासीय परिसर के बी-1 टी-5 क्वार्टर नंबर 104 में रह रहे थे। घटना से परिसर में सन्नाटा पसरा है। वहां रहने वाले डॉक्टरों और उनके परिवारवालों का कहना है कि डॉ. त्रिभुवन बच्चों को काफी प्यार देते थे। उनके घर से कभी चीखने-चिल्लाने की आवाज नहीं आई। उनके घर से गैर लाइसेंसी पिस्टल मिलने से दूसरे डॉक्टर अचंभित हैं।
नहीं सुनाई दी गोली की आवाज
डॉक्टर दंपती ने पुलिस को बताया कि घर के किसी सदस्य ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी। अक्षत के कमरे में एसी चल रहा था। दरवाजा चौखट से सटा था पर लॉक नहीं था। कमरे से जब खून की धारा निकलने लगी तब उन्होंने धक्का दे दरवाजा खोला। अंदर बिस्तर पर अक्षत खून से लथपथ पड़ा था। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटनास्थल से एफएसएल की टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं। अक्षत के मोबाइल की कॉल रिकॉर्ड खंगाली जा रही है।
पुलिस ने कमरे से घटना में प्रयुक्त मुंगेर निर्मित 7.6 बोर की गैर लाइसेंसी पिस्टल, दो मैगजीन, दो कारतूस और खोखा बरामद किया है। वहीं से एक कॉपी मिली है, जिसमें कई दोस्तों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं। पुलिस ने कॉपी जब्त कर ली है। सूत्रों के अनुसार कॉपी में नाम और नंबर के ऊपर लिखा है - 'पुलिस भ्रष्ट है।' डीएसपी रामाकांत प्रसाद ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
पिस्टल मिलने से लोग अचंभित
अक्षत खगौल के रेडिएंट स्कूल से दसवीं की पढ़ाई कर रहा था। उसका छोटा भाई अभय भी उसी स्कूल में है। डॉ. त्रिभुवन मूलरूप से रोहतास जिले के सासाराम प्रखंड के निवासी हैं। वह पत्नी और बच्चों के साथ एम्स के आवासीय परिसर के बी-1 टी-5 क्वार्टर नंबर 104 में रह रहे थे। घटना से परिसर में सन्नाटा पसरा है। वहां रहने वाले डॉक्टरों और उनके परिवारवालों का कहना है कि डॉ. त्रिभुवन बच्चों को काफी प्यार देते थे। उनके घर से कभी चीखने-चिल्लाने की आवाज नहीं आई। उनके घर से गैर लाइसेंसी पिस्टल मिलने से दूसरे डॉक्टर अचंभित हैं।
नहीं सुनाई दी गोली की आवाज
डॉक्टर दंपती ने पुलिस को बताया कि घर के किसी सदस्य ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी। अक्षत के कमरे में एसी चल रहा था। दरवाजा चौखट से सटा था पर लॉक नहीं था। कमरे से जब खून की धारा निकलने लगी तब उन्होंने धक्का दे दरवाजा खोला। अंदर बिस्तर पर अक्षत खून से लथपथ पड़ा था। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटनास्थल से एफएसएल की टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं। अक्षत के मोबाइल की कॉल रिकॉर्ड खंगाली जा रही है।
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