कहीं टाई पर मधुबनी पेंटिंग तो कहीं मेटल का गोलघर, इस क्राफ्ट बाजार में है हस्तशिल्प की खुशबू
निफ्ट परिसर में लगे क्राफ्ट बाजार में खरीदारी का आज आखिरी मौका। यहां कलाकृतियों का संगम हैं। टाई पर मधुबनी पेंटिंग दिख रही है तो मेटल का गोलघर। जानें क्या है यहां खास।
पटना, जेएनएन। कहीं टाई पर बनी मधुबनी पेंटिंग तो कहीं मेटल का गोलघर। शराब की बेकार बोतलों पर बनी खूबसूरत पेंटिंग और पेपरमैसी से बनी एक से एक कलाकृतियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। ये नजारा है निफ्ट में आयोजित तीन दिवसीय क्राफ्ट बाजार का। क्राफ्ट बाजार के दूसरे दिन शनिवार को भी निफ्ट परिसर छात्र-छात्राओं से गुलजार था। यहां कुल 21 शिल्पकारों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है। क्राफ्ट बाजार एक मार्च यानी आज तक चलेगा।
भागलपुर के कई प्रोडेक्ट
भागलपुर से आये गुलाम कादिर के स्टॉल पर हैंडलूम से बने लिनेन और सिल्क की साडिय़ां मिल रही हैं। भागलपुर से कमलेश जी के स्टॉल पर कॉटन सिल्क और सिल्क फैब्रिक के दुपट्टे और साडिय़ां मिल रही हैं। रांची से आई कामिनी के स्टॉल पर मधुबनी पेंटिंग की टाई 900 रुपये में जबकि कॉन्वेंट इंब्रोडरी दुपट्टा छह हजार और मधुबनी पेंटिंग की हुई सिफोन साड़ी आठ हजार में मिल रही है, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत है।
बेकार पड़ी बोतलों से बनाई कलाकृतियां
कुर्जी से आई नीतु शर्मा के स्टॉल पर रिवर्स एप्लीक का काम किया हुआ लेडिज पर्स, सूट पीस के अलावे फैब्रिक ज्वेलरी मिल रही है। मधुबनी से आई हेमा कर्ण के स्टॉल पर पेपरमैसी से बने कप-प्लेट, गुडिय़ा के अलावे कई सामान मिल रहे हैं, तो वहीं दिव्यांग जोगिंद्र ने बेकार पड़ी बोतलों का उपयोग कर कलाकृतियां बनाई हैं, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत हैं।
जूट से बने मोर तो कोसिया ज्वेलरी
यहां उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान का भी एक स्टॉल लगा हुआ है, जहां आपको मेटल क्राफ्ट और डोकरा आर्ट से बने सामान मिल रहे हैं। रश्मि भारती के स्टॉल पर जूट से बने मोर मिल रहे हैं। अनिसाबाद से आई विभा श्रीवास्तव के स्टॉल पर जड़ी और रेशम से बुनकर बनाई गई क्रोसिया ज्वेलरी लोगों को लुभा रही है।