SOCIAL MEDIA: बिहार उपचुनाव के बीच लालू-नीतीश की जंग
बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर बिहार का उपचुनाव छाया रहा। राजनीति के बीच महिला दिवस की भी धूम रही। आइए डालते हैं नजर।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 09:04 AM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 10:36 PM (IST)
पटना [काजल]। बिहार में उपचुनाव की तीन सीटों के लिए बिछी बिसात पर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी चाल चल दी है। और अब किसे शह मिलती है और किसे मात, यह तो रविवार को हुई वोटिंग से तय होगी। बीते सप्ताह बिहार को विशेषस दर्जा की मांग, लालू-तेजस्वी व जीतीश की जंग के साथ महिला दिवस की भी धूम मची रही।
जनता करेगी उपचुनाव का फैसला
बिहार उपचुनाव के प्रचार के लिए उतरे सीएम नीतीश कुमार, सुशील मोदी का सीधा मुकाबला लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के साथ दिखा। तेजस्वी अपने पिता की छत्रछाया के बिना रणक्षेत्र में दिग्गजों के बीच दिखे। सभी दलों के नेताओं ने अपने-अपने चुनाव प्रचार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं और अपनी जीत का दावा किया। लेकिन, असली फैसला तो जनता जनार्दन के हाथों में है। उपचुनाव की वोटिंग रविवार हुई।
विधानमंडल बजट सत्र में गरमाई राजनीति
बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है और विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर बहसबाजी हो रही है। ऐसे मेंं बिहार के विशेष दर्जे की मांग का मुद्दा भी गरमाया हुआ है जिसपर सोशल मीडिया पर सियासत जारी है।
राबड़ी देवी ने सदन की कार्यवाही के दौरान सीएम नीतीश कुमार पर जमकर तंज कसा और कहा कि चारा घोटाले पर अपने अधिकारी का नाम आने पर उसे बचा रहे, अब क्या अंतरात्मा मर चुकी है? अंतरात्मा केवल तेजस्वी के लिए ही जगी थी। इन सबका जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने चुनावी सभा के दौरान कहा कि जो लोग लोग पाप करते हैं, उन्हें भुगतना तो पड़ता ही है।
सोशल मीडिया पर लालू-तेजस्वी व नीतीश की जंग
विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट किया कि अब तो राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार है तो अब क्यों बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा है? नीतीश अपने बॉस से क्यों नहीं विशेष राज्य का दर्जा ले रहे? छुपन-छुपाई छोड़ बिहार की जनता को बताओ कि किस वजह से राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिल रहा?
लालू ने अगले ट्वीट में लिखा कि नीतीश को अपना डर और स्वार्थ छोड़ रीढ़ की हड्डी सीधी रखनी चाहिए। लालू की ट्वीट पर यूजर्स ने जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि जेल में रहकर राजनीति करना भूल गए हैं क्या? वहीं कुछ यूजर्स ने लालू की बात पर अपनी सहमति भी दी।
तेजस्वी ने ट्वीट कर पूछा कि क्या नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर पहले की तरह धरने पर बैठेंगे? अब केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकारें रहने के बावजूद धरने पर नहीं बैठेंगे तो इसका मतलब उनका पहले का धरना विशुद्ध नौटंकी था? तेजस्वी के इस ट्वीट पर भी यूजर्स ने तरह-तरह के कॉमेंट्स दिए और सलाह भी दे डाली।
महिला दिवस पर भी हुई राजनीति
आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन एक तरफ जहां पूरे बिहार में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को सम्मानित किया गया, वहीं सोशल मीडिया पर भी महिला दिवस की धूम मची रही। लोगों ने ट्वीट कर, पोस्ट कर, तस्वीरें और कोट्स शेयर कर महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस दिवस पर भी राजनीति भी खूब हुई। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिहार की महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 फीसद आरक्षण एनडीए की देन है। हमने अपने काम से महिला दिवस को सार्थक बनाया। जिन्होंने महिला आरक्षण बिल की कापियां फाड़ीं, वे महिलाओं का क्या भला करेंगे? महिला के नाते राबड़ी ने न खुद पढ़ाई पूरी की, न अपने बेटों को अच्छी शिक्षा दिलवा पायीं। इसका जवाब देते हुए तेजस्वी ने ट्वीट किया नीतीश जी तो बीजेपी के दबाव के चलते मानसिक तनाव में इतिहास-भूगोल सब भूल रहे हैं। उन्हें स्मरण होना चाहिए कि राजद ने पहली बार बिहार में किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाया। दशकों पहले लालू जी ने अनेक महिलाओं को राज्यसभा व लोकसभा का सांसद और एमएलए एवं मंत्री बनाया, जब नीतीश कहीं भी नहीं थे। यूजर्स ने तेजस्वी के ट्वीट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं।
और अंत में...
महिला दिवस पर सोशल मीडिया पर भी गुलाबी रंग छाया रहा। एक से बढ़कर एक जोक्स शेयर किए गए। जिनमें से ये भी था: 'उन महिलाओं को भी महिला दिवस की बधाई जो राइट का इंडीकेटडर देकर लेफ्ट में स्कूटी घुमा लेती हैं।'
जनता करेगी उपचुनाव का फैसला
बिहार उपचुनाव के प्रचार के लिए उतरे सीएम नीतीश कुमार, सुशील मोदी का सीधा मुकाबला लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के साथ दिखा। तेजस्वी अपने पिता की छत्रछाया के बिना रणक्षेत्र में दिग्गजों के बीच दिखे। सभी दलों के नेताओं ने अपने-अपने चुनाव प्रचार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं और अपनी जीत का दावा किया। लेकिन, असली फैसला तो जनता जनार्दन के हाथों में है। उपचुनाव की वोटिंग रविवार हुई।
विधानमंडल बजट सत्र में गरमाई राजनीति
बिहार विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है और विभिन्न मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर बहसबाजी हो रही है। ऐसे मेंं बिहार के विशेष दर्जे की मांग का मुद्दा भी गरमाया हुआ है जिसपर सोशल मीडिया पर सियासत जारी है।
राबड़ी देवी ने सदन की कार्यवाही के दौरान सीएम नीतीश कुमार पर जमकर तंज कसा और कहा कि चारा घोटाले पर अपने अधिकारी का नाम आने पर उसे बचा रहे, अब क्या अंतरात्मा मर चुकी है? अंतरात्मा केवल तेजस्वी के लिए ही जगी थी। इन सबका जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने चुनावी सभा के दौरान कहा कि जो लोग लोग पाप करते हैं, उन्हें भुगतना तो पड़ता ही है।
सोशल मीडिया पर लालू-तेजस्वी व नीतीश की जंग
विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट किया कि अब तो राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार है तो अब क्यों बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा है? नीतीश अपने बॉस से क्यों नहीं विशेष राज्य का दर्जा ले रहे? छुपन-छुपाई छोड़ बिहार की जनता को बताओ कि किस वजह से राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिल रहा?
लालू ने अगले ट्वीट में लिखा कि नीतीश को अपना डर और स्वार्थ छोड़ रीढ़ की हड्डी सीधी रखनी चाहिए। लालू की ट्वीट पर यूजर्स ने जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि जेल में रहकर राजनीति करना भूल गए हैं क्या? वहीं कुछ यूजर्स ने लालू की बात पर अपनी सहमति भी दी।
तेजस्वी ने ट्वीट कर पूछा कि क्या नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर पहले की तरह धरने पर बैठेंगे? अब केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकारें रहने के बावजूद धरने पर नहीं बैठेंगे तो इसका मतलब उनका पहले का धरना विशुद्ध नौटंकी था? तेजस्वी के इस ट्वीट पर भी यूजर्स ने तरह-तरह के कॉमेंट्स दिए और सलाह भी दे डाली।
महिला दिवस पर भी हुई राजनीति
आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन एक तरफ जहां पूरे बिहार में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को सम्मानित किया गया, वहीं सोशल मीडिया पर भी महिला दिवस की धूम मची रही। लोगों ने ट्वीट कर, पोस्ट कर, तस्वीरें और कोट्स शेयर कर महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस दिवस पर भी राजनीति भी खूब हुई। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिहार की महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 फीसद आरक्षण एनडीए की देन है। हमने अपने काम से महिला दिवस को सार्थक बनाया। जिन्होंने महिला आरक्षण बिल की कापियां फाड़ीं, वे महिलाओं का क्या भला करेंगे? महिला के नाते राबड़ी ने न खुद पढ़ाई पूरी की, न अपने बेटों को अच्छी शिक्षा दिलवा पायीं। इसका जवाब देते हुए तेजस्वी ने ट्वीट किया नीतीश जी तो बीजेपी के दबाव के चलते मानसिक तनाव में इतिहास-भूगोल सब भूल रहे हैं। उन्हें स्मरण होना चाहिए कि राजद ने पहली बार बिहार में किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाया। दशकों पहले लालू जी ने अनेक महिलाओं को राज्यसभा व लोकसभा का सांसद और एमएलए एवं मंत्री बनाया, जब नीतीश कहीं भी नहीं थे। यूजर्स ने तेजस्वी के ट्वीट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं।
और अंत में...
महिला दिवस पर सोशल मीडिया पर भी गुलाबी रंग छाया रहा। एक से बढ़कर एक जोक्स शेयर किए गए। जिनमें से ये भी था: 'उन महिलाओं को भी महिला दिवस की बधाई जो राइट का इंडीकेटडर देकर लेफ्ट में स्कूटी घुमा लेती हैं।'
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