चुनाव में हवा का रुख बदलते रहे हैं नारे
लोकतंत्र के चुनाव रूपी पर्व में नारों का रोल अहम रहा है
प्रभात रंजन, पटना। लोकतंत्र के चुनाव रूपी पर्व में 'नारों' का रोल अहम रहा है। कई बार तो नारे बदलाव की इबारत ही लिख देते हैं। आम जनता की परेशानी और उनकी उम्मीदों से जुड़े नारे जल्द लोकप्रिय हो जाते हैं। इनका असर मतदाता की सोच पर भी पड़ता है। जेपी के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति के दौरान 'सिंहासन खाली करो कि जनता आती है' का नारा आमोखास की जुबान पर छा गया था। यह नारा अभी भी गाहे-बगाहे चुनावों के दौरान लगता रहा है। इस बार भी चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से तैयार नारे चर्चा में हैं।
इंदिरा के जमाने में आये नारों ने बदल दी हवा : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे मिथिलेश सिंह बताते हैं कि आजादी के आंदोलन से ही भारतीय राजनीति में कई लोकप्रिय नारे सामने आये। आजादी के बाद के चुनावी परिदृश्य पर गौर करें तो सबसे अधिक लोकप्रिय नारे इंदिरा गांधी के जमाने में आये। 'मधु लिमये बोल रहा है, इंदिरा शासन डोल रहा है', 'जगजीवन राम की आई आंधी उड़ जाएगी इंदिरा गांधी..' जैसे नारों ने खूब ख्याति पाई। आपातकाल के दौरान जेपी ने 'सिंहासन खाली करो जनता आती है..' तो जनसंघ की ओर से 'अटल बोला इंदिरा का शासन डोला..' जैसे नारे लोकप्रिय रहे। इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनाव प्रचार में 'गरीबी हटाओ' का नारा देकर कांग्रेस की सरकार बनाई थी। इसके बाद 'इंदिरा हटाओ, देश बचाओ' जैसे नारों के साथ इंदिरा की सरकार गिरी थी। लालू के दौर में 'जब तक रहेगा समोसा में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू' काफी लोकप्रिय हुआ था।
समय के साथ बदलते रहे नारे : पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो बिहार विधानसभा चुनाव में 'बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है' काफी लोकप्रिय रहा। इसके भरोसे जदयू ने चुनावी जंग लड़ी और जीत दर्ज की थी। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में नारे बार-बार बदल रहे हैं। जदयू की ओर से पहले 'ठीके है नीतीश कुमार' फिर इसके बाद 'तरक्की दिखती है' जैसे नारे दिये। चुनाव के हर फेज में नारे भी बदल रहे हैं। बीजेपी की ओर से 'भाजपा है तैयार, आत्मनिर्भर बिहार' और 'जन-जन की पुकार, आत्मनिर्भर बिहार' इन दिनों चर्चा में है। राजद की ओर से 'तेजस्वी भव:', 'बिहार का उत्थान हो हर चेहरे पर मुस्कान हो' और 'नई सोच, नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार' जैसे नारे काफी लोकप्रिय हैं। लोजपा की ओर से 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट', कांग्रेस की ओर से 'बिहार बदलो, सरकार बदलो', माले की ओर से 'एनडीए को हराना है, नया बिहार बनाना है' आदि नारे चर्चा में हैं।