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हौसलों की उड़ान से छुआ आकाश

हौसलों के पंख उड़ान के लिए फड़फड़ाते हैं तब ना उम्र आड़े आती है और न गरीबी

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 01:14 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:10 AM (IST)
हौसलों की उड़ान से छुआ आकाश
हौसलों की उड़ान से छुआ आकाश

अंकिता भारद्वाज, पटना। हौसलों के पंख उड़ान के लिए फड़फड़ाते हैं, तब ना उम्र आड़े आती है और ना ही आर्थिक बंधन। बचपन भले ही तंग गलियों में गुजर रहा हो, माता-पिता भले ही इन बच्चों की परवरिश मुफलिसी में कर रहे हों, पर जब इन बच्चों ने उड़ने की ठान ली तो आकाश को छू ही लिया। ऐसी ही कहानी राजवंशीनगर के रेनबो होम से जुड़े बच्चों की है। यह संस्था अनाथ और बेसहारा बच्चों को आश्रय देने का काम करती है। बाल श्रमिक रह चुकी मरियम ने डांसिंग में किया नाम

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12 साल की मरियम ने अपना आधा बचपन बाल मजदूर के रूप में गुजारा, लेकिन कभी भी अपनी इच्छा और शौक को मरने नहीं दिया। छोटी सी मरियम का कहना है कि उसे शुरू से ही डांस करने का बहुत शौक था, लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण ऐसा होना मुश्किल था। रेनबो होम में आने के बाद उसकी ये चाहत पूरी हो गई। उसे डांस सीखने का मौका मिला। उसने निनाद डांस संस्थान से प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उसकी हसरत को मुकाम मिल गया। वह निनाद की ओर से राज्य स्तरीय डांस कंपीटीशन में प्रथम पुरस्कार लेकर आई है। कराटे में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकीं अनिता और मनीषा :

12 साल की अनिता और 13 साल की मनीषा ने अपने जीवन के उन पहलुओं को देखा है, जिसने उनसे उनका बचपन तक छीन लिया। लेकिन मुश्किल हालात उनका हौसला नहीं छीन पाया। अनीता बताती हैं कि उन्हें खेलकूद में बहुत रुचि थी। रेनबो होम में आने के बाद उसकी रुचि को नई उड़ान मिली। यहां आकर दोनों ने कराटे की ट्रेनिंग ली। अगस्त 2019 में चेन्नई में हुई स्टेट लेवल कराटे प्रतियोगिता में दोनों ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया और दोनों को गोल्ड मेडल मिला। अपनी पेंटिंग से सोनी ने जीता प्रथम पुरस्कार :

बाल विवाह की शिकार सोनी को पुलिस ने शादी के मंडप से बचा कर लाया था। 15 साल की सोनी को शादी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसे बस ये पता था कि नये-नये कपड़े और अच्छे खाने के लिए उसे तैयार किया जा रहा है। सोनी बताती हैं कि उसे शुरू से ही रंगों की दुनिया अच्छी लगती थी। आंखों के सामने होने वाली घटनाओं को देखकर उसका चित्र बनाने का बहुत शौक था। लेकिन सही जानकारी और पैसे के अभाव में वह ऐसा नहीं कर पाती थी। रेनबो होम में आने के बाद उसे अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला। वह श्रम विभाग द्वारा आयोजित स्टेट लेवल पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रथम स्थान हासिल कर चुकी है।


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