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Republic Day पर बिहार के छह को पद्म पुरस्कार, हुकुमदेव व मनोज वाजपेयी भी शामिल

गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्‍कार पाने वालों में बिहार के छह लोग शामिल हैं। इनमें सांसद हुकुमदेव यादव तथा अभिनेता मनोज वाजपेयी भी शामिल हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 10:36 PM (IST)
Republic Day पर बिहार के छह को पद्म पुरस्कार, हुकुमदेव व मनोज वाजपेयी भी शामिल
Republic Day पर बिहार के छह को पद्म पुरस्कार, हुकुमदेव व मनोज वाजपेयी भी शामिल

पटना [जेएनएन]। देश ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर 112 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा। इनमें बिहार के भी छह लोग शामिल हैं। इन पुरस्कारों ने बिहार का मान बढ़ाया है। मधुबनी से भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया है। बिहार से मनोज वाजपेयी को अभिनय, राजकुमारी देवी को कृषि, भागीरथी देवी को जन सरोकार, गोदावरी दत्ता को मिथिला चित्रकला, ज्योति कुमार सिन्हा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया है।

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सांसद के साथ बेहतरीन वक्ता भी हैं हुकूमदेव

सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को पद्मभूषण सम्‍मान मिला है। वे मधुबनी से भाजपा सांसद हैं। सादगी के प्रतीक हुकूमदेव बाबू की पहचान उनके भाषणों से भी है। उन्हें 2014-17 सत्र के लिए आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंट्रियन का अवार्ड भी मिला है। वे समाजसेवी होने के साथ किसान भी हैं।

बेहतरीन अभिनेता हैं मनोज वाजपेयी

पद्मश्री से नवाजे गए बिहार के नरकटियागंज के बेलवा के मूल निवासी मनोज वाजपेयी फिल्म और रंगमंच के शानदार अभिनेता हैं। 'बैंडिंट क्वीन', 'सत्या', 'शूल', 'अलीगढ़', 'स्पेशल 26', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' तथा 'राजनीति' जैसी फिल्मों से उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

किसान चाची के नाम से प्रसिद्ध हैं राजकुमारी देवी

मुजफ्फरपुर के आनंदपुर गांव की निवासी राजकुमारी देवी को कृषि क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। उन्हें लोग प्यार से किसान चाची के नाम से भी जानते हैं। किसान चाची ने सामाजिक बाधाओं को दरकिनार कर कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाई। किसानों को जागरूक करने के लिए वह साइकिल से ही 40-50 किलोमीटर चली जाती हैं। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

50 साल से मधुबनी पेंटिंग बना रहीं गोदावरी दत्त

मधुबनी पेटिंग की शिल्प गुरु गोदावरी दत्त मधुबनी की रहने वाली हैं। गोदावरी को मधुबनी पेटिंग को देश-विदेशों में पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा है। वह कई देशों का दौरा कर चुकी हैं। वह पिछले 50 वर्षों से मधुबनी पेटिंग के क्षेत्र में काम कर रहीं है। हाल ही में वह बिहार म्यूजियम में एक बड़ी पेटिंग उकेर कर खूब शोहरत बटोरी है। उनकी पेटिंग जापान के मिथिला म्यूजियम में भी प्रदर्शित की गई है। उन्‍हें पद्मश्री सम्‍मान मिला है।

पटना में मुसहर बच्चों को पढ़ाते हैं ज्योति कुमार

रिटायर्ड आइपीएस ज्योति कुमार सिन्हा को सोशल वर्क-अफोर्डेबल एजुकेशन के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया। वे मुसहर बच्चों के लिए निश्शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराते हैं। बेली रोड पर वह इंग्लिश मीडियम से कक्षा एक से 12वीं तक आवासीय विद्यालय चला रहे हैं। यहां साढ़े तीन सौ मुसहर बच्चे निश्शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनके द्वारा खोले गए कॉलेज का एक छात्र कौन बनेगा करोड़पति में चयनित हुआ था। कौन बनेगा करोड़पति से उसे 25 लाख रुपए का इनाम मिला है।

सफाईकर्मी से विधायक बनीं भागीरथी देवी

पद्मश्री से सम्‍मानित भागीरथी देवी रामनगर में चार बार विधायक रही हैं। क्षेत्र में उनकी पहचान उनके अच्छे कार्य से हुई। लोगों में विश्वास के साथ क्षेत्र में लगातार बेहतर कार्य करती रहीं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया। अनुसूचित जाति से आने वाली भागीरथी देवी संघर्ष कर वह विधायक बनीं और समाजसेवा जारी रखी।


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