रफ्तार का कहर: बस के नीचे दबकर तड़प रहे थे यात्री, सात लोगों की दर्दनाक मौत
बिहार में सोमवार को कई सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें सबसे भयानक सिवान में हुई। वहां बस पलटने से सात यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग घायल हैं।
सिवान [जेएनएन]। मुफ्फसिल थानाक्षेत्र के सिवान-गोपालगंज मुख्यमार्ग पर स्थित अमलोरी-सरसर गांव के समीप सोमवार की सुबह यात्रियों से भरी बस के चक्का के ब्लास्ट करने के बाद बस में दबकर सात लोगों की मौत हो गई। जबकि दो दर्जन से ज्यादा यात्री घायल हो गए।
सुहाने सफर की उम्मीद कर मौत की यात्रा कर रहे यात्रियों में शामिल हुसैनगंज के रहने वाले रवि कुमार ने अपनी आंखों के सामने मौत के मंजर को देखा। अस्पताल में इलाज के लिए एक बेड पर सोए रवि से जब घटना के बारे में पूछा गया तो उसकी जबान से आवाज नहीं आ रही थी। फिर भी दर्द से कराहते हुए उसने उस मंजर को याद किया और आपबीती बताई।
रवि ने बताया कि वह थावे पूजा करने अपने दोस्त के साथ गया था। पूजा करने के बाद जब वह लौट रहा था, तो थावे में आशीष ट्रेवल्स सिवान के लिए पहली बस मिली। बस के केबीन में वह अपने दोस्त के साथ सवार हो गया। बस जैसे जैसे सिवान की तरफ बढ़ रही थी, बस का कंडेक्टर और खलासी हर चौक-चौराहे पर बस को रोक कर यात्रियो को बस में भरते जा रहे थे।
मीरगंज के बाद बस में करीब 50 से ज्यादा यात्री सवार हो गए थे। बस की रफ्तार चिकनी सड़क पर तेज थी। जैसे ही बस सरसर गांव से कुछ दूर आगे बढ़ी बस के बाएं तरफ का अगला चक्का ब्लास्ट कर गया। ब्लास्ट करने के बाद बस अनियंत्रित हो गई। बस तेजी में हिलने लगी। यह देख बस में सवार सभी लोग शोर मचाने लगे। बस में यात्रियों की शोर सुनकर मैं भी डर गया।
बस की सबसे अगली सीट पर बैठे होने के कारण मैं सबकुछ देख रहा था। अचानक बस पलट गई और आंखों के सामने अंधेरा छा गया। बस जब पहली बार पलटी तो आगे का शीशा पूरी तरह से टूट गया और मैं उससे बाहर फेंका गया।
कुछ देर के बाद जब मुझे होश आया तो देखा कि मेरा पैर जल गया और मेरा साथी मेरे पास नहीं है। इसके बाद जबतक कुछ समझ पाता आसपास के लोगों ने मुझे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मेरा दोस्त इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए चिकित्सकों ने पटना रेफर कर दिया।
तेज आवाज सुनकर खेतों में मौजूद लोग रह गए थे दंग
घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार की सुबह बस गोपालगंज से सिवान की तरफ आ रही थी। ज्योहीं बस अमलोरी स्थित बैकुंठ टीचर ट्रेङ्क्षनग स्कूल के पास पहुंचने वाली थी कि बस के अगले पहिए का टायर तेज आवाज के साथ ब्लास्ट कर गया। इससे तेज रफ्तार बस के चालक का नियंत्रण खो गया और बस अनियंत्रित होकर मुख्य सड़क के किनारे गड्ढ़े में पलट गई।
हादसे में जहां बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, वहीं उसमें सवार छह यात्रियों की दबने से मौत हो गई। जबकि एक की मौत पटना में इलाज के क्रम में हो गई। जब चक्का ब्लास्ट कर गया तो आवाज इतनी तेज हुई जैसे लगा कि किसी ने बम फोड़ा हो। खेतों में मौजूद लोग बस की तरफ देखने लगे और शोर मचाने लगे।
घायलों में ज्यादातर गोपालगंज के
घायलों में से चार की स्थिति नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया। वहीं मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया।
घटनास्थल पर मची चीख-पुकार
घटना के बाद जहां पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी, वहीं घायलों द्वारा बचाव के लिए चींख-पुकार मची रही। घटना की सूचना पाकर काफी संख्या में लोग अपने संबंधियों की जानकारी लेने व हाल जानने के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे थे, इससे अस्पताल परिसर में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
घटना के बारे में बांसडीह निवासी महक नें बताया कि वह अपनी दादी खैरुन निशा के साथ बस की पिछली सीट पर सवार होकर लौट रही थी, तभी रास्ते में बस का टायर तेज आवाज के साथ ब्लास्ट कर गया और तेज रफ्तार की अनियंत्रित बस कब गड्ढे में पलट गई और क्या हुआ इसका अंदाजा भी नहीं लगा। जब होश आया तो पता चला कि अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
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