पांच साल बाद लौट रहे बिहार के सुपर काप शिवदीप लांडे, पटना में लफंगों के लिए बन गए थे आफत
दिन हो रात आंखों पर काला चश्मा फिट बॉडी के लिए मशहूर सुपर काप और सिंघम के नाम से चर्चित 2006 बैच के आइपीएस आफिसर शिवदीप वामनराव लांडे (IPS Shivdeep Lande)। जी हां ये पुलिस अधिकारी एक बार फिर बिहार आ रहे हैं।
पटना, आनलाइन डेस्क। दिन हो रात आंखों पर काला चश्मा, फिट बॉडी के लिए मशहूर सुपर काप और सिंघम के नाम से चर्चित 2006 बैच के आइपीएस आफिसर शिवदीप वामनराव लांडे (IPS Shivdeep Lande)। जी हां, ये पुलिस अधिकारी एक बार फिर बिहार आ रहे हैं। पांच वर्षों बाद अपने गृह राज्य महाराष्ट्र से सेंट्रल डेपुटेशन की अवधि पूरा कर लौट रहे शिवदीप लांडे को जल्द ही बिहार पुलिस में बड़ा ओहदा दिया जा सकता है। वे अपने गृह राज्य में मुंबई एटीएस में डीआइजी (DIG in Mumbai ATS) के पद पर पोस्टेड हैं। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह से वे बिहार में सक्रिय हो जाएंगे।
सड़क छाप लफंगों के लिए बन गए थे शामत
वे पटना के अलावा रोहतास और अररिया में भी रह चुके हैं। बिहार के राज्यपाल के एडीसी का पद भी उन्होंने संभाला। पटना में सिटी एसपी रहते लड़कियों के बीच उनका जबरदस्त क्रेज था। उन्होंने लड़कियों को अपना मोबाइल नंबर दे रखा था, मुसीबत पड़ने पर कॉल मिलते ही वे तुरंत पहुंच जाते थे। लफंगों के लिए तो ये आफत बनकर आए थे। अपने फेसबुक पर उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि मेरी खाकी के प्रति लड़कियों का अटूट विश्वास ही मेरी राखी है। जब-जब किसी बहन ने मुझे याद किया है तो सदा मैं उनका भरोसा बनकर वहां खड़ा रहा हूं। फिटनेस के लिए काफी सजग शिवदीप लांडे ने अपने फेसबुक एकाउंट दौड़ते हुए एक तस्वीर शेयर की और लिखा कि जब कभी किसी घटना से गुस्सा आता है तो खुद को यूं ही प्राकृतिक तरीके से सामान्य करता हूं। अंदर के सारे गुस्से को दौड़ कर पसीनों में बहा देना मेरी आदत है।
(पटना में छात्राओं को ऑटोग्राफ देते शिवदीप लांडे।)
पटना में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने नकली सामान बेचने वालों के लिए कार्रवाई की थी। नकली दवाओं और जाली नोट छापने वालों के लिए भी वे मुसीबत बन गए थे। पटना के PMCH के पास अशोक राजपथ में एक व्यवसायी की हत्या के बाद अपराधियों के भय से दुकानें बंद हो गई थीं। तब शिवदीप लांडे ने अपराधियों को दबोच कर पीएमसीएच गेट पर ही उनकी जमकर धुनाई की थी। रोहतास में पत्थर माफिया के खिलाफ उन्होंने बड़ी कार्रवाई की थी। जिस समय वे ट्रेनी आइपीएस थे उसी समय बालू और पत्थर माफिया की ओर से उनपर हमला कर दिया गया। लगातार फायरिंग की गई। तब उन्होंने खुद जेसीबी चलाकर उनके अड्डे को नेस्तनाबूत कर दिया था। नशे के सौदागर भी उनके नाम से कांपते थे।
(आंखों पर काला चश्मा लगाए फिट सुपरकॉप। साभार-फेसबुक)