कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों के अधिक प्रभावित होने के संकेत, बचाव के लिए एनएमसीएच तैयार
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने के संकेत मिलने से स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए कोविड अस्पताल एनएमसीएच तेजी से खुद को तैयार करने में जुट गया है।
जागरण संवाददाता, पटना सिटी: कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही और खौफ के बीच तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने के मिल रहे संकेत ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए कोविड अस्पताल एनएमसीएच तेजी से खुद को तैयार करने में जुट गया है। यहां के शिशु रोग विभाग में 130 बेड को सभी आवश्यक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थित मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर 40 बेड की आइसीयू विकसित की जा रही है।
शिशु रोग विभाग में 60 बेड उपलब्ध
अधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विभाग में 60 बेड उपलब्ध है। नवजात के लिए 24 बेड है। यहां दस आइसीयू बेड भी है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थित नवनिर्मित मदर एण्ड चाइल्ड अस्पताल में 12 बेड का नीकू और चालीस बेड की आइसीयू के आवश्यक व्यवस्था की मांग स्वास्थ्य विभाग से की गयी है। यहां पहले से आठ आइसीयू बेड है। सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन की व्यवस्था है। अधीक्षक ने बताया कि बच्चा मरीज के लिए वेंटिलेटर, बाइपैप, एचएफएनसी की कमी नहीं है।
नीकू में नौ वेंटिलेटर भी
अधीक्षक ने बताया कि जीरो से एक माह तक के बच्चों के लिए 24 बेड उपलब्ध है। नीकू में नौ वेंटिलेटर भी है। 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए पांच बेड की आइसीयू और तीन वेंटिलेटर है। दस सामान्य बेड के साथ दो वेंटिलेटर उपलब्ध है। आठ बेड की इमरजेंसी में दो वेंटिलेटर है। उन्होंने बताया कि अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम विभाग में हर चुनौती का डट कर मुकाबला करने के लिए तैयार है।
हवा से फैलने के कारण है ज्यादा खतरनाक
कोरोना के सॉर्स कोव-2 वायरस का नया स्ट्रेन बी1617 इसका डबल-म्यूटेंट वैरियंट है। मार्च माह में देश में पहली बार इस नए स्ट्रेन का पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मान चुका है कि यह स्ट्रेन ड्रापलेट्स के साथ एयरोसॉल यानी हवा से भी फैलता है। यही कारण है कि तीसरी लहर में संक्रमण काफी तेजी से फैलने की बात कही जा रही है।