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कलियुग में तलाशे जा रहे श्रवण कुमार, करें परोपकार, पाएं एक लाख का ईनाम

महावीर न्यास समिति ने श्रवण कुमारों को ढूंढऩे और प्रोत्साहन देने का बीड़ा उठाया है। योजना के तहत बेटे-बेटियों, बहू-दामादों को सेवा करने पर दस हजार से एक लाख तक पुरस्कार दिए जाएंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 11:44 AM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 05:03 PM (IST)
कलियुग में तलाशे जा रहे श्रवण कुमार, करें परोपकार, पाएं एक लाख का ईनाम
कलियुग में तलाशे जा रहे श्रवण कुमार, करें परोपकार, पाएं एक लाख का ईनाम

कुमार रजत, पटना। श्रवण कुमार का नाम लेते ही कंधे पर उठाई गई पालकी में मां-बाप को बिठाए युवक की छवि उभर आती है। वो त्रेता युग की बात थी मगर आज कलियुग में भी मां-बाप की सेवा करने वाले कम नहीं। ऐसे ही श्रवण कुमारों को ढूंढऩे और प्रोत्साहन देने का बीड़ा उठाया है, महावीर मंदिर न्यास समिति ने।

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 महावीर मंदिर के कर्ता-धर्ता व न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल बताते हैं कि इस बार अस्पतालों में मां-बाप की सेवा करने वाले बेटे-बेटियों, बहू-दामादों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। अगर आप अस्पताल में भर्ती अपने माता-पिता या सास-ससुर की सेवा कर रहे हैं, तो खुद भी इस पुरस्कार के लिए अपने नाम का प्रस्ताव भेज सकते हैं। इसके अलावा मां-बाप को तीर्थाटन करने वाले संतानों को भी इस योजना के तहत पुरस्कार दिया जाएगा।

प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार और तृतीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये सम्मान राशि दी जाएगी। इसके अलावा 10 अन्य श्रवण कुमारों को 10-10 हजार रुपये सांत्वना पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे।

पांच साल पहले शुरू हुई थी योजना

आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं, वाल्मिकी रामायण के अयोध्या कांड में सवा सौ श्लोक सिर्फ श्रवण कुमार पर हैं। रामायण के पाठ के दौरान बार-बार श्रवण कुमार के बारे में पढ़ते हुए मैंने सोचा कि क्यों न कलियुग में ऐसे बेटे-बेटियों को ढूंढ़ा जाए और पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाए। इसी सोच से 2013 में पहले श्रवण पुरस्कारों की शुरुआत हुई। पहले साल मुंगेर के कृष्णानंद भारती को यह सम्मान मिला था। उन्होंने श्रवण कुमार की तरह ही कंधे पर पालकी उठाए मां-बाप को तीर्थाटन कराया था। बीच के दो-तीन साल यह पुरस्कार नहीं मिल सका। इस बार अस्पतालों में मां-बाप की सेवा करने वाले संतानों को भी योजना से जोड़ा गया है, उम्मीद है समाज से कई श्रवण कुमार सामने आएंगे। श्रवण कुमार बनने के लिए जरूरी है कि संतान मां-बाप के साथ रहकर उनकी सेवा करे। दूसरे शहर में रहकर दूर से सिर्फ आर्थिक सहयोग करने वाले इस पुरस्कार की दौड़ में शामिल नहीं माने जाएंगे।

ऐसे करें आवेदन

श्रवण कुमार पुरस्कार के लिए 15 जनवरी 2019 तक महावीर मंदिर के पते पर आवेदन किया जा सकता है। जानकी नवमी को सभी श्रवण कुमारों को पुरस्कार राशि दी जाएगी। किसी भी धर्म, जाति, वर्ग, उम्र के लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। स्वयं आवेदन करने वालों को मुखिया या सरपंच से आवेदन प्रमाणित कराना जरूरी है। रिटायर्ड जस्टिस एसएन झा की अध्यक्षता वाली चयन समिति आवेदनों की जांच कर अंतिम मुहर लगाती है।

श्रवण कुमार पुरस्कार राशि

प्रथम पुरस्कार : एक लाख

द्वितीय पुरस्कार : 50 हजार रुपये

तृतीय पुरस्कार : 25 हजार रुपये

10 सांत्वना पुरस्कार : 10-10 हजार

यहां करें आवेदन

प्रबंधक/सचिव

महावीर मंदिर, पटना

ई-मेल : mahavirmandir@gmail.com


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