लोकसभा चुनाव: महागठबंधन में स्टार प्रचारकों की कमी, शॉटगन की बढ़ी पूछ
लोकसभा चुनाव के लिए हर दल में बड़े चेहरे चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं। लेकिन महागठबंधन में स्टार प्रचारकों की कमी दिख रही है। एेसे में शत्रुघ्न सिन्हा की पूछ बढ़ी है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 08:36 PM (IST)
पटना [एसए शाद]। कहने को तो हर दल अपने स्टार प्रचारकों की सूची से चुनाव आयोग को अवगत कराते हैं, मगर इन प्रचारकों की 'स्टार वैल्यू' हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। प्रदेश में एनडीए में भले ही नीतीश कुमार और रामविलास पासवान जैसे राष्ट्रीय पहचान रखने वाले नेता हों, मगर महागठबंधन में ऐसे नेताओं का घोर अभाव है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की कमी महसूस की जा रही है। ऐसी परिस्थिति ने भाजपा से कांग्रेस में आए शत्रुघ्न सिन्हा की पूछ बढ़ा दी है।
शत्रुघ्न सिन्हा को न केवल कांग्रेस के प्रत्याशी, बल्कि अन्य घटक दलों के प्रत्याशी भी अपने पक्ष में प्रचार के लिए बुला रहे हैं। हालांकि, प्रथम चरण में उन्होंने सिर्फ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए गया में जाकर प्रचार किया था।
दूसरे चरण से शत्रुघ्न सिन्हा ने लगातार कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने का सिलसिला आरंभ कर दिया है। वह खुद पटना साहिब से प्रत्याशी हैं मगर उनका चुनाव अंतिम चरण में 19 मई को होना है। इस कारण वह दूसरों के प्रचार के लिए समय निकाल रहे हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर समीर कुमार सिंह ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा हमारे आठ और प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। सभी ने शत्रुघ्न सिन्हा की सभा अपने क्षेत्र में आयोजित करने के लिए अनुरोध किया है। उनके अनुरोध पर अमल करते हुए उन्होंने सोमवार को किशनगंज और कटिहार में सभा की है। मंगलवार को वह प्रचार के लिए पूर्णिया जाएंगे।
महागठबंधन में अगर स्टार प्रचारकों पर नजर डाली जाए तो तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी, शरद यादव और उपेंद्र कुशवाहा के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह, तारिक अनवर और अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे नाम ही नजर आते हैं। ऐसे में राजद, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इनसान पार्टी के लिए भी शत्रुघ्न सिन्हा की उपयोगिता बढ़ गई है।
रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सामाजिक समीकरण के मद्देनजर हमारे उम्मीदवारों में पिछड़ों और अतिपिछड़ों के नेताओं की अधिक मांग है। जैसे राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव और विकासशील इनसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की सभा हर प्रत्याशी चाह रहा। मगर, शत्रुघ्न सिन्हा की स्टार वैल्यू को देख उनकी भी मांग हमारे प्रत्याशी कर रहे हैं।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की सक्रियता के कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं के बिहार दौरे अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं। अधिकांश नेता उत्तर प्रदेश में ही प्रचार अभियान में लगाए जा सकते हैं। वैसे नवजोत सिंह सिद्धू किशनगंज आकर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं।
राहुल गांधी की कई सभाएं होनी हैं। महागठबंधन का प्रचार अभियान पहले हमेशा लालू प्रसाद संभालते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने औसतन हर दिन आठ सभाएं की थीं। मगर अभी वह जेल में हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा को न केवल कांग्रेस के प्रत्याशी, बल्कि अन्य घटक दलों के प्रत्याशी भी अपने पक्ष में प्रचार के लिए बुला रहे हैं। हालांकि, प्रथम चरण में उन्होंने सिर्फ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए गया में जाकर प्रचार किया था।
दूसरे चरण से शत्रुघ्न सिन्हा ने लगातार कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने का सिलसिला आरंभ कर दिया है। वह खुद पटना साहिब से प्रत्याशी हैं मगर उनका चुनाव अंतिम चरण में 19 मई को होना है। इस कारण वह दूसरों के प्रचार के लिए समय निकाल रहे हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर समीर कुमार सिंह ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा हमारे आठ और प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। सभी ने शत्रुघ्न सिन्हा की सभा अपने क्षेत्र में आयोजित करने के लिए अनुरोध किया है। उनके अनुरोध पर अमल करते हुए उन्होंने सोमवार को किशनगंज और कटिहार में सभा की है। मंगलवार को वह प्रचार के लिए पूर्णिया जाएंगे।
महागठबंधन में अगर स्टार प्रचारकों पर नजर डाली जाए तो तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी, शरद यादव और उपेंद्र कुशवाहा के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह, तारिक अनवर और अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे नाम ही नजर आते हैं। ऐसे में राजद, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इनसान पार्टी के लिए भी शत्रुघ्न सिन्हा की उपयोगिता बढ़ गई है।
रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सामाजिक समीकरण के मद्देनजर हमारे उम्मीदवारों में पिछड़ों और अतिपिछड़ों के नेताओं की अधिक मांग है। जैसे राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव और विकासशील इनसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की सभा हर प्रत्याशी चाह रहा। मगर, शत्रुघ्न सिन्हा की स्टार वैल्यू को देख उनकी भी मांग हमारे प्रत्याशी कर रहे हैं।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की सक्रियता के कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं के बिहार दौरे अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं। अधिकांश नेता उत्तर प्रदेश में ही प्रचार अभियान में लगाए जा सकते हैं। वैसे नवजोत सिंह सिद्धू किशनगंज आकर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं।
राहुल गांधी की कई सभाएं होनी हैं। महागठबंधन का प्रचार अभियान पहले हमेशा लालू प्रसाद संभालते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने औसतन हर दिन आठ सभाएं की थीं। मगर अभी वह जेल में हैं।
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