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सातवें दिन भी बिहटा में बंद रहीं दुकानें

बिहटा में अपराधियों की रंगदारी की माग और बढ़ रही आपराधिक घटनाओं से त्रस्त दुकानदारों ने मंगलवार को सावें दिन भी अपनी दुकानें बंद रखीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 08:46 PM (IST)
सातवें दिन भी बिहटा में बंद रहीं दुकानें
सातवें दिन भी बिहटा में बंद रहीं दुकानें

बिहटा (पटना) : बिहटा में अपराधियों की रंगदारी की माग और बढ़ रही आपराधिक घटनाओं से परेशान व्यवसायियों ने अपनी दुकानों को मंगलवार को सातवें दिन भी बंद रखा। हालांकि पुलिस पदाधिकारियों ने बिहटा से जुड़ने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल की स्थायी व्यवस्था एवं हर तरह की सुरक्षा का आश्वासन दिया लेकिन फिर भी व्यवसायी अपराधियों की गिरफ्तारी होने तक दुकानों को अनिश्चितकाल तक बंद रखने के निर्णय पर डटे रहे। दुकानों के बंद होने से आमलोगों को अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए पटना और दूसरे शहरों का चक्कर लगाने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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बिहटा कई सामानों के थोक विक्रेताओं की मंडी है। मंडी बंद होने के कारण भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद सहित कई जिलों में आपूर्ति बाधित है। इससे व्यवसायियों को तो नुकसान हो ही रहा है। वहीं सरकार को टैक्स से वंचित होना पड़ेगा।

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: व्यवसायियों का शिष्टमंडल उप-मुख्यमंत्री से मिला :

मंगलवार को बिहटा के दस व्यवसायियों का एक शिष्टमंडल सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से मिलकर अपनी मागों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। प्रमुख मागों में बिहटा बाजार में सीआरपीएफ के जवानों से सघन पुलिस पेट्रोलिंग, बिहटा बाजार में स्थायी पुलिस पिकेट की व्यवस्था, व्यवसायियों को सुरक्षा गार्ड और शस्त्र का लाइसेंस उपलब्ध कराना, बिहटा बाजार में घटित घटनाओं का स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को जल्द सजा दिलाना, क्षेत्र के 20 से 25 किलोमीटर के अपराधियों को चिह्नित कर नजरबंद कराना, उनपर सीसीए लगाना, अनधिकृत टेंपो और बस स्टैंड को हटाना, रेल ओवरब्रिज पर रात्रि के समय प्रकाश की व्यवस्था करना आदि शामिल है। सभी मागों को देखने के पश्चात उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया। साथ ही उनकी मागों को देर शाम होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन पर व्यवसायी संघ की एक बैठक देर शाम राम जानकी मंदिर में हुई। वहां बुधवार से सभी दुकानों को खोलने और उनकी मागो की पूर्ति ना होने पर 15 दिनों के बाद आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय हुआ। शिष्टमंडल में अजित कुमार, मोहम्मद मुस्तफा उर्फ चुन्नू मियां, राम बीरेन्द्र सिंह, अनिल गुप्ता, बृजनंदन सिंह, ओमनाथ सिंह, पारस नाथ गुप्ता, मनीष कुमार, कुश कुमार, सुरेश गुप्ता शामिल थे।


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