शिवानंद ने सुशील मोदी को कहा हल्का राजनेता; लालू के खिलाफ छापेमारी को बताया सीएम नीतीश को चेतावनी, पीएम मोदी को भी घेरा
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को हल्का राजनेता बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति अभी तक नाबालिग है। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ छापेमारी को लेकर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा तथा पूछा कि कहीं यह सीएम नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं थी?
पटना, स्टेट ब्यूरो। Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सुशील मोदी की राजनीति अभी तक बालिग नहीं हुई है। इसी वजह से उनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें बिहार के उपमुख्यमंत्री के पद से हटा कर प्रदेश की राजनीति से अलग किया था। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के खिलाफ हालिया सीबीआइ छापेमारी को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भी घेरा तथा पूछा कि कहीं यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच घटती दूरी के कारण नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए चेतावनी तो नहीं थी?
बिहार में बयान देने के लिए छुट्टा छोड़े गए हैं सुशील मोदी
शिवानंद तिवारी ने कहा सुशील मोदी जब दिल्ली ले जाए गए, तब उनके भक्तों को उम्मीद थी कि बिहार में इतने लंबे समय तक वित्त विभाग को कुशलता से संभाला है तो अब वे निर्मला सीतारमण की कुर्सी पर बैठेंगे। लेकिन दिल्ली वालों ने तो उनके हल्केपन को पहचान कर ही बिहार को उनसे मुक्त कराया था। उन्हें अब केवल बिहार के मीडिया में बयान देने के लिए ही छुट्टा छोड़ दिया गया है।
केंद्र की मोदी सरकार को ही साबित कर रहे नाकाबिल
शिवानंद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के यहां छापेमारी के मामले में अपने को काबिल साबित करने की हड़बड़ी में सुशील मोदी अपनी ही दिल्ली की केंद्र सरकार को ही नाकाबिल साबित कर रहे हैं। उनका दावा है कि लालू के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग को मनमोहन सिंह ने दबा दिया था, लेकिन मनमोहन सिंह की सरकार तो 2014 में ही चली गई थी उसके बाद से अब तक तो यानी आठ वर्षों से तो दिल्ली में नरेंद्र मोदी की सरकार है। यह सरकार इतनी नाकाबिल है कि उसे छह वर्षों तक दबे रहे उस ज्ञापन को खोज निकालने में आठ वर्ष लग गए। वह भी तब, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच दूरी घटती हुई नज़र आ रही है। शिवानंद तिवारी ने सवाल किया कि लालू प्रसाद यादव के यहां सीबीआइ की छापेमारी कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चेतावनी तो नहीं थी?