शरद के हाथ फिर एनसीपी की कमान, मोदी सरकार पर जमकर बरसे
एसकेएम हॉल में चल रहे एनसीपी के छठें राष्ट्रीय अधिवेशन में दूसरे दिन बुधवार को शरद पवार को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। देश भर के एनसीपी नेता इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम का शरद पवार ने किया।
पटना। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद पवार को एसकेएम हॉल में बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 6 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। दो दिवसीय अधिवेशन में पार्टी के देशभर से सात सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मौके पर पवार ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। बिहार हमेशा ही देश केराजनीतिक परिर्वतन का जननी रहा है। देश की वर्तमान और भविष्य की राजनीति और विकास में बिहार की अहम भूमिका रही है। सभी मोर्चे पर पूरी तरह से विफल केन्द्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के संघर्ष की बिहार अगुवाई करेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीति के कारण किसानों, युवाओं, अल्पसंख्यकों समेत सभी लोगों में असंतोष और निराशा है। विदेशों से कालाधन लाकर हर व्यक्ति के खाते में पंद्रह- पंद्रह लाख रुपये नहीं जमा हुए, हर साल ढाई करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा हवा- हवाई साबित हुआ। भूमि अधिग्रहण बिल के माध्यम से किसानों से जबरन जमीन छीनने के प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्र की नीति के चलते अवसाद से पीडि़त किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के समय में नरेन्द्र मोदी और भाजपा के लोकलुभावन वादों और आश्वासनों में फंसकर केन्द्र की सत्ता पर एनडीए को काबिज करने वाली जनता अब अपने फैसले पर पछता रही है। पवार ने कहा कि भाजपा को पदच्युत करने का रास्ता बिहार की जमीन से से ही निकलेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में साम्प्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष शक्ति के बीच मुकाबला होगा। इसमें धर्मनिरपेक्षता की जीत तय है।
मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रफुल पटेल, तारिक अनवर, छगन भुजबल, सुप्रीया सुले, पीपी मोहम्मद फजल, डीपी त्रिपाठी, जयंत पाटिल, वाइपी पाटिल, धनंजय भीमराव, महाडिक, विजय सिंह मोहिते पाटिल, मोहनलाल अग्रवाल, वी राजेश्वरन, टीपी पीथात्बरन, सूर्यकांता पाटिल, जिम्मी जार्ज आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर कार्यसमिति के प्रस्ताव को पारित किया और भविष्य के कार्यक्रम तय किए गए।
केंद्र के फैसलों का होगा विरोध :
पारित प्रस्ताव
1. भूमि अधिग्रहण बिल
2. योजना मद में कटौती
3. रोजगार देेने पाने में नाकाम
4. दिन पर दिन बढ़ती महंगाई
5. पेट्रोलियम पदार्थों में वृद्धि
6. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा
मजबूत किया जाएगा संगठन :
1. सभी स्तरों पर कामकाज को व्यवस्थित करना
2. राज्य इकाइयों में तीन माह में एक बैठक निश्चित
3. निचले से ऊपर स्तर के इकाइयों में समन्वय
4. किसान व मजदूर संगठनों को पुनर्संगिठत करना
5. राज्य स्तर पर तीन साल में दो दिन का सम्मेलन
6. राष्ट्रीय अधिवेशन के दो माह के भीतर राज्य व जिला अधिवेशन
7. पार्टी के अध्यक्ष द्वारा एक बार राज्यों का दौरा कर वहां की इकाइयों के कार्यों का होगा आकलन