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'जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान की दुश्‍मन बने हुए हैं'

पूर्व भाजपा नेता कृष्‍णा शाही की पत्‍नी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान के दुश्‍मन बने हुए हैं। मुझे स्‍वाभिमान से जीने नहीं दे रहे हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 10:11 PM (IST)
'जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान की दुश्‍मन बने हुए हैं'
'जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान की दुश्‍मन बने हुए हैं'

गोपालगंज [जेएनएन]। गोपालगंज के पूर्व भाजपा नेता कृष्‍णा शाही, जिनकी कुछ समय पहले हत्‍या हो गई थी, उनकी पत्‍नी शांता शाही ने एक वीडियो जारी कर इंसाफ की गुहार लगाई है। कहा कि अपने परिवारवाले ही मेरी जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हैं। जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान के दुश्‍मन बने हुए हैं। मुझे स्‍वाभिमान से जीने नहीं दे रहे हैं। मेरे पति की संपत्ति को हड़पने की साजिश रच रहे हैं।

शांता शाही ने करीब चार मिनट से ज्‍याद समय का एक वीडियो जारी किया है। वीडियो के माध्‍यम से उन्‍होंने कहा कि मैं अपने सभी शुभचिंतकों को कुछ बताना चाहती हूं। आप लोगों ने मेरा भरपूर सहयोग किया और मनोबल बढ़ाया। मेरी विषम परिस्‍थतियों में भी मेरे लिए दुआएं मांगी और मेरे लिए हिम्‍मत मांगा। लेकिन मैं आपलोगों को एक चीज बता देना चाहता हूं।

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बताया क्‍यों दूर रही इतने दिन

आप लोगों के मन में एक प्रश्‍न हमेशा मेरे प्रति रहा है कि आखिर इतने दिनों तक आप लोगों से दूर क्‍यों रही? मेरे दूर रहने की वजह मेरे अपने हैं। मेरे घर के लोग ही हैं। मैंने आज ये जान लिया कि ये समाज आपको स्‍वाभिमान से जीवन जीने की इजाजत नहीं देता है। मैं अपने पति की मौत के बाद अपने आप को तैयार किया ताकि अपने पति के लिए लड़ू। अपने बच्‍चों को इंसाफ दिलवा सकूं। लेकिन आज मैं हार गई।

मेरा स्‍वाभिमान हार गया। इसलिए मैं आज आप लोगों के सामने ये बता देना चाहती हूं कि मैं इतने दिनों तक आपलोगों से दूर क्‍यों रही? अपने बारे में कोई पक्ष क्‍यों नहीं रखा? दरअसल, मुझे मेरा पक्ष रखने ही नहीं दिया गया। मैं अपने आप को किस तरीके से छिपा छिपा के रह रही हूं। अपने रिश्‍तेदारों के यहां रह रही हूं। मुझे अपने ही लोगों से जान का खतरा है।

अपनों पर लगाया आरोप

शांता शाही ने कहा कि मेरे जेठ उमेश शाही, दिनेश शाही जिनके घर की मैं बहू हूं, वही मेरी जान के दुश्‍मन बने हुए हैं। जो भी लोग मेरे लिए खड़े हो रहे हैं, उन्‍हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। जिस दिन से मेरे पति इस दुनिया से गए हैं, उस दिन से मेरे साथ नाना प्रकार के अत्‍याचार हो रहे हैं। मेरे दुख में कोई खड़ा होने नहीं आया। आज मैं अकेले अपने दम पर खड़ा होने की कोशिश कर रही हूं तो मेरे को तोड़ने की पूरी कोशिश हो रही है।

शायद आज उसकी कोशिश सफल भी हो गई। मैं जिन रिश्‍तेदारों के पास रह रही हूं, जिस भी तरीके से रह कर के अपने बच्‍चों के लिए अपने पति के सपनों को पूरा करने के लिए, अपने बच्‍चों के लिए जीना चाहता हूं, वे मुझे जीने नहीं दे रहे हैं। मैं सिर झुका कर के नहीं जी सकती। मैं स्‍वाभिमान के साथ जीना चाहती हूं। मैं छुप छुप कर और डर डर के नहीं जीना चाहती हूं।

तंगहाली में जी रही हूं

मैं चारों तरफ से दुश्‍मनों से घिरी हुई हूं। जिसने मेरे पति को मारा, वे दुश्‍मन तो मेरा इंतजार ही कर रहे हैं। आज ये दुश्‍मन भी मेरे उपर तरह तरह के अत्‍याचार कर रहे हैं। मेरे बच्‍चों का स्‍कूल से नाम कट गया। मैं दाने दाने के लिए मोहताज हो गई। मेरे को कोई पूछने वाला नहीं है। इन लोगों को सिर्फ मेरे पति के दौलत का लालच है। इसलिए लिए मेरी जान के प्‍यासे हो गए हैं।

वे मुझे कहीं खड़ा नहीं होने दे रहे हैं। मुझे कहीं बोलने नहीं दे रहे हैं। वे मेरा सारा चीज लेकर मेरे बच्‍चों को अनाथ कर देना चाहते हैं। लेकिन अब मैंने सोचा है कि मैं स्‍वाभिमान के बिना नहीं जी सकती। जिन जिन लोगों ने भी मेरे साथ गलत किया है, मैं अपने रिश्‍तदारों के यहां छिपी, इसकी सूचना उन तक पहुंचाने वाला सभी लोगों की सूची एक लेटर में लिख दिया है। 

इस दुनिया से जाने के बाद यह सामने आ जायेेगा कि कितने लोगों ने इस विधवा के साथ पीछे पड़े। एक औरत को मारने के पीछे पड़े हैं। झुकाने के लिए पूरा समाज लगा है। लोग औरत को पैर की जूती बनाने पर अड़े हैं। उसको मेरी तरह मरना ही पड़ता है।

बता दें कि कृष्णा शाही गोपालगंज जिले के कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते थे। उनकी 19 जुलाई साल 2017 को अपराधियों ने हत्या कर दी थी और लाश को कुएं में फेंक दिया था। इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है। परिवारवालों ने हत्या के समय जदयू विधायक पप्पू पाण्डेय, उनके कुख्यात भाई सतीश पाण्डेय उनके भतीजे और जिला परिषद अध्यक्ष मुकेश पाण्डेय सहित कई लोगों को नामजद किया था। लेकिन अभी तक कुछ भी ठोस नहीं निकल पाया है।

 


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