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सेक्स स्कैंडल: बिहार ने दुहराया है इतिहास, याद रहे- 'है सुशासन का राज'

बिहार के निखिल प्रियदर्शी सेक्स स्कैंडल में नाम आने के बाद प्रदेश कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ब्रजेश पांडेय ने इस्‍तीफा दे दिया है। इसने बीते दिनों के बॉबी सेक्स स्कैंडल की याद दिला दी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 03:35 PM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 11:55 PM (IST)
सेक्स स्कैंडल: बिहार ने दुहराया है इतिहास, याद रहे- 'है सुशासन का राज'
सेक्स स्कैंडल: बिहार ने दुहराया है इतिहास, याद रहे- 'है सुशासन का राज'

पटना [काजल]। बिहार में फिर इतिहास को दुहराया गया है। घटना व पार्टी वही, लेकिन वक्त, ठिकाना व किरदार अलग हैं। आरोपियों में कांग्रेस का निलंबित प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय भी शामिल है। ब्रजेश को एक सेक्स  स्कैंडल व यौन शोषण मामले में नाम आने के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा है। इस घटना ने 1983 के उस बॉबी सेक्स स्कैंडल व मर्डर की याद दिला दी है, जिसके आरोप भी कांग्रेस के ही रहनुमाओं पर ही लगे थे।

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इस कांड के मुख्य  आरोपी व ब्रजेश के दोस्त निखिल प्रियदर्शी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस घूम रही है। निखिल भागा-भागा फिर रहा है। ब्रजेश भी खुद को बचाने की हर संभव जुगत भिड़ाता दिख रहा है। लेकिन, बिहार की 'सुशासन' सरकार किसी को बचाने के मूड में नहीं दिख रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा कर दी है कि वो न तो किसी को फंसाते हैं, न बचाते हैं।
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बॉबी स्‍कैंडल की अाई याद

यह मामला 34 साल पहले के चर्चित बॉबी सेक्स स्कैंडल की याद दिलाता है। बॉबी स्कैंडल के आरोपी भी उसी पार्टी के रहे हैं, जिससे ब्रजेश पांडेय का ताल्लुाक है। बॉबी स्कैंडल में किसी पर अपराध साबित नहीं हो सका। अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ स्टैंड लेने के लिए बॉबी भी जिंदा नहीं रही।

इस बार मामला जुदा

लेकिन, इस बार मामला जुदा है। आरोप लगा रही लड़की के पिता कांग्रेस के दबंग नेता तथा पूर्व मंत्री हैं। लड़की भी अपने उपर हुए अत्याचार के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद कर रही है।
शादी का झांसा देकर रेप किया
ताजा मामले में पीड़ित लड़की के साथ एक रिटायर्ड आइएएस के अय्याश बेटे व ऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी ने शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाए, फिर शौन शोषण करने लगा। आगे दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म का लंबा सिलसिला चला, जिसमें निखिल के साथ आरोप के घेरे में तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय भी आया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे पेय पदार्थ में नशीली दवा मिलाकर अभियुक्तों ने रेप किया। यह भी पढ़ें: सुविधाएं लेते हैं बिहार से, वोट देते हैं यूपी को

ऐसे लगाया ब्रजेश की संलिप्तता का आरोप
घटना के संबंध में 22 दिसंबर 2016 को दर्ज एफआइआर में लड़की ने निखिल प्रियदर्शी सहित कुल चार लोगों को नामजद किया। उसने तत्कालीन कांग्रेस उपाध्य़क्ष ब्रजेश पांडेय की संलिप्तता के आरोप बाद में लगाए।
पुलिस और मीडिया के सामने पीड़ित लड़की ने यह भी खुलासा किया कि ब्रजेश पाण्डेय और निखिल प्रियदर्शी बिहार में एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाते थे, जिसमें बॉलीवुड, टॉलीवुड और भोजपुरी फिल्मों में काम करने वाली कई खूबसूरत लड़कियां भी शामिल हैं। इसके बाद पुलिस ने ब्रजेश को भी अप्राथमिकी आरोपी बनाया।
एडीजी बोले, निखिल प्रथमदृष्टया दोषी
एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई। मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया। एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पहली नजर में इस कांड में निखिल प्रियदर्शी की संलिप्तता के आरोप सही प्रतीत हो रहे हैं। एसएसपी मनु महाराज के अनुसार पुलिस निखिल प्रियदर्शी को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
एडीजी बोले, ब्रजेश पर जांच के बाद होगी कार्रवाई
एडीजी (मुख्यािलय) सुनील कुमार ने बताया कि ब्रजेश पाडेय के मामले में पुलिस साक्ष्य आधारित कार्रवाई करेगी। इस बीच ब्रजेश पर पार्टी ने कार्रवाई कर दी है। उसे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा है। ब्रजेश ने फोन पर मीडिया को बताया कि वो बेकसूर है, भाजपा उसे एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसा रही है।

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पीड़िता बोली, न्याय नहीं मिला तो कर लेगी सुसाइड
इस बीच पीड़िता ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने की कोशिश का आरोप लगाया है। उसने धमकी दी है कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह सुसाइड कर लेगी। दूसरी ओर आरोपी पक्ष ने उसपर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए हैं।
राजद-जदयू ने साधा मौन
मामले में खास बात यह है कि कांग्रेस ने ब्रजेश पर कार्रवाई का दावा किया है। उसे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। कोई धुरंधर कांग्रेसी खुलकर ब्रजेश के पक्ष में बयान नहीं दे रहा है। लेकिन, बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल और जदयू चुप्पी साधे हुए हैं।
याद आया बॉबी सेक्स व मर्डर केस
इस मामले से ही मिलती घटना करीब तीन दशक पहले 1983 में हुई थी। तब पटना सचिवालय में काम करने वाली एक खूबसूरत महिला बॉबी से दुष्कर्म के आरोप के घेरे में दर्जनों नेताओं व विधायकों के नाम आए थे। बाद में बॉबी की रहस्यमय परिस्थितियों मे मौत हो गई थी।
तत्कालीन एसपी किशोर कुणाल ने घटना के अनुसंधान को लेकर बॉबी के दफन शव को खुदवाकर निकलवाया, साक्ष्य इकट्ठा किए। लेकिन, ऐन मौके पर तत्कालीन सरकार ने कांड की जांच को सीबीआइ के हवाले कर दिया।
पटना के तत्कालीन एसपी किशोर कुणाल मानते हैं कि पुलिस ने कांड में पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठा किए थे, लेकिन सीबीआइ ने उसे ताकिर्क अंत तक नहीं पहुंचाया। नतीजा यह हुआ कि कांड से आज तक पर्दा नहीं हट पाया।
सामने आए और भी कई मामले
बॉबी सेक्स स्कैंडल के बाद अौर भी कई ऐसे मामले सामने आते रहे। यूपी का मधुमिता शुक्ला हत्याकांड हो या राजस्थान का भंवरी देवी हत्याहकांड, हरियाणा का चंद्रमोहन-फिजा प्रकरण हो या गीतिका शर्मा की आत्महत्या हो, ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं। पटना का निखिल-ब्रजेश सेक्स  स्कैंडल इसी की ताजा कड़ी है।

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दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद
बहरहाल, बहुचर्चित बॉबी सेक्स स्कैंडल व मर्डर की जांच अधूरी रह गई थी। सच्चाई बताने के लिए बॉबी जिंदा नहीं थी। लेकिन, इस बार दोषियों को सजा मिलने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि प्रदेश की सरकार व विपक्ष इसे लेकर गंभीर हैं। खुद पीड़िता भी न्‍याय के लिए संघर्ष के लिए कमर कस चुकी है। 


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