अच्छी नींद कई बीमारियों के लिए सबसे बेहतर दवा
लोगों की नींद उड़ती जा रही है। नई पीढ़ी के लिए यह सबसे बड़ी बीमारी का रूप धारण कर रही है।
पटना । लोगों की नींद उड़ती जा रही है। नई पीढ़ी के लिए यह सबसे बड़ी बीमारी का रूप धारण कर रही है। अगर व्यक्ति को सात घंटे अच्छी नींद आने लगे तो वह कई गंभीर बीमारियों से बच सकता है। अच्छी नींद के लिए जरूरी है कि व्यक्ति तनावमुक्त रहे। तनाव कई बीमारियों की जननी है। तनाव के शिकार व्यक्ति को कभी अच्छी नींद नहीं आ सकती है। अच्छी नींद नहीं अपने पर व्यक्ति सिर दर्द, शरीर दर्द एवं पाचन संबंधी कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। ये बातें रविवार को इंडियन एपीलेप्सी एसोसिएशन के बिहार शाखा द्वारा आयोजित न्यूरोलॉजी अपडेट में तिरुपति से आई एसवीआइएसएस, तिरुपति के कुलपति डॉ. वी. वेनगमा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति के लिए कम से कम सात घंटा नींद बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि जब भी आप बेडरूम में जाएं तो मोबाइल ऑफ कर दें। टीवी बंद होना चाहिए और लाइट भी ऑफ होनी चाहिए। प्रकाश एवं आवाज नींद में सबसे बड़ी बाधा पहुंचाते हैं। इसके अलावा बेडरूम में जाते समय मन शांत होना चाहिए। अगर रात में नींद नहीं आती है तो दिन में भी ठीक से काम नहीं होता। कार्य खराब होने पर व्यक्ति तनाव का शिकार होने लगता है। तनाव होने पर बीपी और शुगर जैसी बीमारियां व्यक्ति को चपेट में ले लेती हैं।
----------
: मांसपेशियों का कमजोर होना एक गंभीर बीमारी :
सम्मेलन में एसजीपीजीआइ लखनऊ से आए पद्मश्री डॉ. सुनील प्रधान ने कहा कि देशभर में मांसपेशियों की खराबी से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है। अधिकांश मामलों में देखा जाता है कि इस तरह की बीमारियां आनुवांशिक होती हैं। कुछ बच्चों में इनके लक्षण दिखाई देते हैं, जबकि कुछ लोगों में चालीस के बाद लक्षण दिखाई देते हैं। डॉ. प्रधान ने कहा कि जब शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है तो व्यक्ति अपने कामों को करने में असमर्थ हो जाता है। अगर पैर की मांसपेशी कमजोर होने लगती है तो व्यक्ति धीरे-धीरे चलना फिरना बंद कर देता है। अब तक इन बीमारियों का इलाज विकसित नहीं हो पाया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही दवाएं आ जाएंगी।
--------
: लकवे के मरीज के लिए प्रथम तीन घंटे महत्वपूर्ण :
सम्मेलन में जोधपुर से आई डॉ. अमृता भार्गव ने कहा कि लकवे के अटैक के बाद अगर मरीज को तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो मरीज को बहुत कम नुकसान होगा। तीन घंटे के बाद मरीज जितनी देर से अस्पताल पहुंचेगा, उसकी परेशानी उतनी बढ़ती जाएगी। लकवा के इलाज में नए इंजेक्शन काफी कारगर साबित हो रहे हैं।
------------
आइजीआइएमएस में बढ़ेगी न्यूरो की सीटें : मंत्री
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आइजीआइएमएस के न्यूरो विभाग में खाली सभी पदों को भरा जाएगा। यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर रिसर्च हो इसके लिए संस्थान की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग में 11 सीटें हैं, जिसमें से 9 खाली हैं।
मंत्री ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि केवल दिमाग से मरीजों का इलाज न करें, बल्कि उनके प्रति दया का भाव रखें। इस अवसर पर आए अतिथियों का स्वागत आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में न्यूरो की समस्याएं बढ़ रही हैं। उन पर रिसर्च करने की जरूरत है। समारोह में आए लोगों को धन्यवाद ज्ञापन आइजीआइएमएस न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने किया। मौके पर आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास एवं पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा सहित कई लोगों ने भाग लिया।