देश में 7 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह के शिकार
मधुमेह एक गंभीर बीमारी है। यह स्वयं बीमारी होते हुए कई बीमारियों की जननी भी है।
पटना। मधुमेह एक गंभीर बीमारी है। यह स्वयं बीमारी होते हुए कई बीमारियों की जननी भी है। अगर मुधमेह को शुरू में नियंत्रित करने की कोशिश नहीं की गई तो बाद में काफी घातक परिणाम हो सकते हैं। हाल के अनुसंधान में पाया गया है कि एक सामान्य व्यक्ति एवं मधुमेह पीड़ित व्यक्ति के पेट के बैक्टीरिया में काफी अंतर होता है। अगर पेट की बैक्टीरिया को सुरक्षित रखा जाए तो मुधमेह से बचा जा सकता है। बहुत कम लोगों का जन्म से मधुमेह की बीमारी होती है। अधिकांश लोग उम्र बढ़ने के साथ मधुमेह के चपेट में आने लगते हैं। उसमें सबसे पहले पेट में पलने वाले बैक्टीरिया में बदलाव होता है। अगर पेट के बैक्टीरिया को सुरक्षित रखा जाए तो फिर बीमारी से बचा जा सकता है। यह सब दवाओं से संभव है। राजधानी के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कुमार का कहना है कि वर्तमान में देश में सात करोड़ से अधिक लोग मधुमेह के शिकार हैं। वहीं पूरी दुनिया में 15 करोड़ लोग मधुमेह पीड़ित हैं। प्रतिवर्ष एक करोड़ लोग मधुमेह के चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे हैं। मधुमेह के कारण वे विभिन्न बीमारियों के शिकार हो जा रहे हैं और अंतत: उन्हें जान से हाथ धोना पड़ रहा है। खान-पान से बैक्टीरिया में आ रहा बदलाव
चिकित्सक बताते हैं लोगों के खान-पान में आए बदलाव के कारण पेट के बैक्टीरिया के स्वरूप में बदलाव आ रहा है। खासकर जंक फूड से पेट के बैक्टीरिया के स्वरूप में काफी बदलाव देखा जा रहा है। जंक फूड में काफी मात्रा में रसायनिक तत्वों का उपयोग किया जाता है। जो पेट की बैक्टीरिया के लिए अत्यंत घातक साबित होते हैं। पेट की बैक्टीरिया को सुरक्षित रखकर लंबे समय तक निरोग रखा जा सकता है। मधुमेह से हार्ट, आंख एवं किडनी को गंभीर खतरा
न्यू गार्डिनर अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा का कहना है कि मधुमेह साइलेंट किलर है। यह धीरे-धीरे मानव शरीर को खोखला कर देता है। इसको नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। शुगर बढ़ने से मानव हार्ट, आंख एवं किडनी को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। प्रदूषण भी प्रभावित कर रहा मानव जीवन
चिकित्सक बताते हैं कि खान-पान के अलावा प्रदूषण भी मानव जीवन को प्रभावित करने लगा है। प्रदूषण के कारण थकान जैसे समस्या गंभीर होती जा रही। इसके अलावा तनाव भी लोगों के परेशानी का कारण बनते जा रहा है। प्रदूषित हवा के रासायनिक तत्व मानव शरीर में जाकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। अगर शुरू में ही इन्हें नियंत्रित कर लिया जाए तो प्रदूषण जनित बीमारियों से बचा जा सकता है।