पटना में घूस लेकर शराब तस्कर को छोड़ने वाले पांच जवान सहित सात गिरफ्तार, ऐसे खुला इनका राज
पटना के दीदारगंज चेकपोस्ट पर शराब तस्कर को पकड़ने और फिर रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ने के मामले में पांच जवान समेत सात को गिरफ्तार किया गया है। मामला तब खुला जब इन लोगों ने शराब तस्कर की पिटाई कर दी।
पटना, जागरण संवाददाता। दीदारगंज चेक पोस्ट स्कूटी सवार शराब तस्कर को पकड़ने और फिर घूस लेकर छोड़ने के आरोप में वहां तैनात पांच जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके दलाल और उस दुकानदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके वालेट में घूस की रकम मंगाई जा रही थी। गिरफ्तार जवानों की पहचान अमरेंद्र कुमार अमर, विजय कुमार पासवान, राजकुमार, लक्ष्मण कुमार, विशाल कुमार सिंह और दलाल प्रमोद कुमार एवं वाटेल में घूस की रकम लेने वाले दुकानदार विकास कुमार के रूप में हुई है। इन सभी के खिलाफ दीदारगंज थाने में केस दर्ज हुआ है। गिरफ्तार जवानों के खिलाफ के विभागीय कार्यवाही भी होगी।
बगल के दुकानदार के वालेट में मंगवाते थे घूस की रकम
रविवार को कंकड़बाग रोड नंबर एक निवासी फिरोज आलम ने 15 अगस्त की पार्टी के लिए फतुहा के जेठुली के अपने दोस्त प्रवीण कुमार से वहां जाकर 20 बोतल शराब खरीदी। शराब को स्कूटी में रख जैसे ही वह वहां से चला तभी जेठुली के मनीष कुमार ने थाना के प्रमोद कुमार को इसकी सूचना दी। प्रमोद ने दीदारगंज चेक पोस्ट के सिपाही लक्ष्मण कुमार के मोबाइल पर इसकी सूचना दी। फिर लक्ष्मण ने अन्य सिपाही विशाल कुमार सिंह के सहयोग से उस स्कूटी सवार फिरोज को शराब के साथ पकड़ लिया और चेकपोस्ट पर लाया। उस समय चेकपोस्ट पर दो अन्य जवान विजय पासवान और राजकुमार भी मौजूद थे।
50 हजार मांगे, 30 हजार रुपये में बनी बात
इन चारों ने फिरोज से बरामद सामान और स्कूटी छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपये मांगने लगे। बात 30 हजार रुपये में बनी। फिरोज ने अपने दोस्त प्रवीण से इस संबंध में बात की और उन्हें 20 हजार रुपये लाने को कहा। साथ ही 11 हजार रुपये अपने मोबाइल के वालेट में भेजने को कहा। मोबाइल के वालेट में 11 हजार रुपये आने पर लक्ष्मण ने उसे चेक पोस्ट के बगल के दुकानदार विकास कुमार के नंबर पर भेज दिया। उसके बाद लक्ष्मण उस दुकान पर गया और उससे वह रकम अपने घर के मोबाइल वालेट में ट्रांसफर करवा दिया। उसके बाद प्रवीण ने 10 हजार रुपये की व्यवस्था कर पुन: प्रमोद से संपर्क किया, जिसकी सूचना पर फिरोज आलम की गिरफ्तारी हुई थी। प्रवीण ने प्रमोद को 10 हजार रूपये दिए और फिरोज को छुड़ाने के लिए कहां। प्रमोद पुन: लक्ष्मण से संपर्क किया और चेकपोस्ट के बाहर बकाया 10 हजार रुपये का भुगतान कर दिया।
केस के आइओ के पहुंचने पर खुला घूस लेने का राज
दरससल पुलिस को पूरी रकम नहीं मिली थी। इस वजह से फिरोज को ही छोड़ा गया और उसके बाद थाना पर शराब के साथ स्कूटी बरामदगी की सूचना दी गई। दीदारगंज थाना में सात अगस्त को कांड संख्या 206/22 में केस दर्ज किया गया। कांड के अनुसंधानकर्ता एएसआई रविरंजन कुमार वहां पहुंचे तो पता चला कि चेकपोस्ट के जवानों ने शराब ले जाने वाले तस्कर को पकड़कर छोड़ दिया था। केस के आइओ फिर थाना आकर इसकी सूचना दर्ज की। जब चेकपोस्ट के जवानों से इस संबंध में पूछा गया तो सभी इंकार कर दिया।
बेइमानी होने पर दुबारा पकड़ा गया फिरोज, जमकर पिटाई
रविवार शाम में फिरोज अपने दोस्त प्रवीण के साथ स्कूटी का हलेमेट लेने के लिए वापस चेकपोस्ट पर पहुंच गया। उस समय चेकपोस्ट पर पांचवां सिपाही अमरेंद्र कुमार अमर को भी सिपाही विजय पासवान ने बुलवा लिया। लक्ष्मण ने 10 हजार रुपये का हिसाब दिया जो प्रमोद से प्राप्त हुआ था। इस बात को लेकर इन लोगों का आपस में मनमुटाव हो गया था। इन लोगों ने फिरोज और प्रवीण कुमार को पकड़ना चाहा, लेकिन प्रवीण भागने में सफल रहा। फिरोज पकड़ा गया। जवानों ने गुस्से में फिरोज की बेरहमी से पिटाई कर दी और उसे पकड़कर थाना को यह कहते हुए सुपुर्द कर दिया कि ये जब्त स्कूटी का हेलमेट लेने आया था।
थाने में फिरोज ने बताया रुपये लेकर छोड़ दिए थे
फिरोज को थाने में बैठाने के बाद जवान वहां से चले गए। केस के आइओ उससे पूछताछ करने लगे। तब फिरोज ने बताया कि सिपाही लक्ष्मण और विशाल ने इनसे पैसे लिए और छोड़ दिए। फिर पकड़कर काफी पीटा और उसने 10 हजार रुपये विकास के मोबाइल में गूगल पे करने की बात बताई। दूसरे दिन सोमवार को दुकान खुलने पर दुकानदार विकास से पूछताछ हुई। उसके मोबाइल की जांच में फिरोज द्वारा भेजे गए रुपये का साक्ष्य मिल गया। इसके बाद पांचों आरोपित जवानों से पूछताछ की गई और यह प्रमाणित हुआ कि शराब लाने वाला फिरोज ही था। इन्हीं पांचों जवानों ने फिरोज को पकड़कर पैसे लेकर छोड़ दिया था। सिपाही लक्ष्मण के पास से प्रमोद कुमार द्वारा दिए गए 10 हजार रुपये को भी बरामद किया गया।