Move to Jagran APP

बिहार में विरासत के प्रति जागरुकता की कमी

बिहार की विरासत की हिफाजत के लिए सरकार को ध्यान देना होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:00 AM (IST)
बिहार में विरासत के प्रति जागरुकता की कमी
बिहार में विरासत के प्रति जागरुकता की कमी

पटना। बिहार की विरासत की हिफाजत के लिए सरकार को ध्यान देना होगा। बिहार के विभिन्न जिलों में कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहर हैं, जो विश्व विरासत का दर्जा पाने का हकदार है। इसमें जहानाबाद जिले का बराबर पहाड़ और नागार्जुन गुफा, शेरशाह का मकबरा, मुंडेश्वरी मंदिर, राजनगर महल, शेरशाह का मकबरा, रोहतासगढ़, राजगीर का सप्तपर्णी आदि कई ऐसी धरोहरों को संरक्षित करने की जरूरत है। विश्व विरासत दिवस के मौके पर बिहार पुराविद् परिषद और फेसेस के तत्वावधान में पटना संग्रहालय परिसर में संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. चितरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि धरोहर का संरक्षण सरकार की पहली प्राथमिकता है। इनटैक पटना के अध्यक्ष डॉ. जेके लाल ने कहा कि विरासत का संरक्षण पहला कदम ज्ञान का विस्तार है। जब तक आम जनता को विरासत से जोड़ा नहीं जाएगा, तब तक धरोहर को संरक्षित नहीं रख सकते। सिर्फ सरकार के भरोसे इसे छोड़ा नहीं जा सकता है। दिल्ली से आई सुश्री गार्गी एवं मनीष ने बिहार के 18 जिलों के विरासतों पर आधारित छायाचित्र एवं मधुबनी जिला के राजनगर पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन सभागार में किया।

loksabha election banner

बिहार के बाहर कई ऐतिहासिक धरोहर -

गार्गी ने कहा कि अभी भी बिहार के बाहर के लोगों को बिहार की विरासत के संबंध में जानकारी नहीं है। पटना संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ. विमल तिवारी ने उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किए गए धरोहर संरक्षण के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। डॉ. सुशांत भास्कर ने दरभंगा जिला की प्राकृतिक धरोहर के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रो. डॉ. रत्‍‌नेश्वर मिश्र ने कहा कि बिहार की विविध विरासतों में फूस के घर भी हैं और खेती करने के पुराने औजार भी। संगीत के स्वर भी हैं और मसाले भी। इंटैक पटना के प्रेमशरण ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में विरासत के प्रति लोगों में जागरुकता की कमी है। डॉ. उमेश चंद्र द्विवेदी ने सरकार की कठिनाइयों को इंगित करते हुए कहा कि संसाधन का मुख्य अभाव सबसे मुख्य कारण है। कार्यक्रम के दौरान चेतना समिति के अध्यक्ष विवेकानंद झा, आइएएस अधिकारी गजानन मिश्र, प्रेमलता मिश्र आदि ने अपने विचार दिए। वही अतिथियों का स्वागत भैरव लाल दास तथा धन्यवाद ज्ञापन शिव कुमार मिश्र ने किया। समारोह के दौरान चेतना समिति के सचिव उमेश मिश्र, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र झा, डॉ. बीके कर्ण, रामसेवक राय, पटना संग्रहालय के पूर्व अध्यक्ष केके शर्मा, विद्या चौधरी, डॉ. शंकर सुमन, किरण कुमारी, निभा लाल, अरविंद कुमार, प्रो. डॉ. इंद्रकांत झा, प्रो. वीरेंद्र झा, इनटैक के विजय श्रीवास्तव, दीपक ठाकुर, पटना विवि फारसी विभाग के अध्यक्ष सादिक हुसैन, अमरनाथ झा आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.