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पटना में चल रहा था फर्जी डिग्री बेचने का धंधा

राजधानी पटना में मुक्त विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री बांटने का काम धड़ल्ले से जारी है। जब छात्रों को ठगे जाने का अहसास होता है तो फर्जी संस्थान के दबंग संचालक छात्रों की पिटाई कर उन्हें शांत करा देते हैं।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 09 Feb 2015 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 09 Feb 2015 09:58 AM (IST)
पटना में चल रहा था फर्जी डिग्री बेचने का धंधा

पटना। राजधानी पटना में मुक्त विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री बांटने का काम धड़ल्ले से जारी है। जब छात्रों को ठगे जाने का अहसास होता है तो फर्जी संस्थान के दबंग संचालक छात्रों की पिटाई कर उन्हें शांत करा देते हैं। रविवार को ऐसे ही एक मामले का खुलासा बुद्धा कॉलोनी थाना ने किया। पुलिस ने चंद्रकांता अपार्टमेंट ग्राउंड फ्लोर में चल रहे एक संस्थान में छापेमारी कर संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। मौके से तमाम फर्जी प्रमाणपत्र, मुहर समेत कई अवैध कागजात जब्त किए गए हैं।

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क्या है मामला : सुसारी थाना बहेरी दरभंगा निवासी वरुण कुमार ठाकुर वर्तमान समय में शिवम बिहार कॉलोनी अनीसाबाद में रहता है। वरुण ने बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के चंद्रकांता अपार्टमेंट में वीग-वे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी चला रहा था। इस एजेंसी से वर्ष 2011 में ओपेन यूनिवर्सिटी से विज्ञान स्नातक की डिग्री दिलाने का विज्ञापन प्रकाशित कराया गया। विज्ञापन देख हरगांवा नालंदा निवासी आदित्य भारद्वाज ने 2011 में नामांकन कराया। एजेंसी संचालक वरुण ने 20 हजार रुपये बतौर नामांकन शुल्क लिए। वर्ष 2014 के नवंबर में श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी, राजस्थान का मार्कशीट वरुण कुमार द्वारा आदित्य को दिया गया। वर्ष 2014 में आदित्य ने एसबीआइ में पीओ पद पर लिखित परीक्षा दी और पास भी हो गया। 12 दिसंबर 2014 को साक्षात्कार के लिए आदित्य को अहमदाबाद बुलाया गया। साक्षात्कार के दौरान एसबीआइ अधिकारियों द्वारा सभी सर्टिफिकेट मांगे गए। आदित्य ने जब अधिकारियों को वरुण द्वारा दिए गए श्रीधर यूनिवर्सिटी की डिग्री दिखाई तब उसे मालूम हुआ कि यह फर्जी डिग्री है। फर्जी डिग्री की वजह से नौकरी नहीं मिलने से नाराज आदित्य सीधे वरुण से मिलने बोङ्क्षरग रोड चौराहे पर पहुंचा। इस दौरान वरुण ने आदित्य की पिटाई कर दी और चुप रहने की धकमी दी। आदित्य ने इस बात की सूचना बुद्धा कॉलोनी थाना को दी। आदित्य से मिली शिकायत पर पुलिस ने इंस्टीट्यूट में छापामारी कर संचालक वरुण को गिरफ्तार कर लिया।

छापामारी में मिले अवैध कागजात : पुलिस ने मोबाइल, कई बैंकों के एफिडेविट कार्ड, कई यूनिवर्सिटी के अधिकार पत्र, बीआइटीएस का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र, 41 अन्य लोगों के मार्कशीट की फोटोकॉपी, 11 मुहर, कर्नाटक ओपेन विश्वविद्यालय की 20 मार्कशीट आदि बरामद की।

दिल्ली से जुड़े तार : छापामारी के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। फर्जी दस्तावेज और मोबाइल में मिले नंबर के जरिए पुलिस अब रैकेट को पकडऩे के फिराक में है। जिनके तार दिल्ली से जुड़े है। जहां से कई अभ्यर्थियों से 20 हजार से 50 हजार रुपये लेकर डिग्री बांटी जा रही है।


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