आज हिंसामुक्त बिहार चुनाव का इतिहास बना रहे सुरक्षा बल
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें व अंतिम चरण के मतदान को चुनौती के रूप में लिया है। चुनावी शांति और निष्पक्षता के लिए सुरक्षा बलों ने खुफिया एजेंसियों का भी सहारा लिया है। ताकि इस बार बिहार में हिंसामुक्त चुनाव का रिकार्ड कायम किया जा सके।
पटना। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें व अंतिम चरण के मतदान को चुनौती के रूप में लिया है, क्योंकि अंतिम चरण का मतदान गुरुवार को राज्य के उन नौ जिलों की 57 सीटों पर होने हैं, जिसकी भौगोलिक स्थिति एक-दूसरे से भिन्न है।
चुनावी शांति और निष्पक्षता के लिए सुरक्षा बलों ने खुफिया एजेंसियों का भी सहारा लिया है। ताकि इस बार बिहार में हिंसामुक्त चुनाव का रिकार्ड कायम किया जा सके।
इस चरण के मतदान में अगर राज्य के वैसे चार जिले मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और अररिया शामिल हैं जो भारत-नेपाल की खुली व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित हैं तो तीन जिले ऐसे भी हैं, जिनकी सीमा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से लगी हैं।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार इनमें लगभग सभी जिले सांप्रदायिक दृष्टिकोण से भी संवेदनशील हैं। अंतिम चरण के मतदान वाले सभी नौ जिलों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग ने पिछले चार चरणों में लगाए गए बलों के मुकाबले सर्वाधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की है।
इस चरण में सबसे अधिक 1.60 लाख सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। इस बार सुरक्षा की रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों को उनके प्रशिक्षण के आधार पर ड्यूटी दी गई है।
भारत-नेपाल की सीमा पर अवस्थित चारों जिलों की कमान जहां एसएसबी को दी गई है वहीं प. बंगाल की सीमा से लगे जिलों को बीएसएफ के हवाले कर दिया गया है। इसके अलावा सीआरपीएफ, सीआइएसएफ व आइटीबीपी की कुल 600 कंपनियों को तथा बिहार पुलिस की 1033 कंपनियों को तैनात किया गया है।
इसमें बीएमपी के एमएमपी (घुड़सवार दस्ता) की भी 50 कंपनियां हैं। अंतिम चरण के मतदान में भी जल, थल और आसमान से त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। अद्र्धसैनिक बलों को 50 से अधिक मोटरबोट उपलब्ध कराई गयी हैं।
हवाई गश्त के लिए भारतीय वायुसेना के दो एमआइ-17 हेलीकॉप्टरों की सेवा ली जा रही है। जबकि नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ कोसी के दियारा इलाकों में 'ड्रोनÓ से निगरानी की जा रही है।
किसी भी आपातस्थिति से निपटने के लिए पूरी मेडिकल टीम के साथ एक एयर एंबुलेंस को पटना हवाईअड्डा पर तैनात किया गया है। दियारा इलाकों में घुड़सवार पुलिस दस्तों के साथ-साथ अद्र्धसैनिक बलों व बिहार पुलिस को दो हजार से भी अधिक मोटरसाइकिलें उपलब्ध कराई गईं हैं।
सीआरपीएफ के बिहार सेक्टर के आइजी अरुण कुमार खुद सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रहे हैं। नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ कोसी के दियारा इलाकों में 'ड्रोनÓ से निगरानी रखी जा रही है।
सीमांचल, मिथिलांचल व कोसी क्षेत्र के सभी नौ जिलों में चुनावी शांति के लिए खुफिया एजेंसियों को चार महीने पहले ही सक्रिय कर दिया गया था और उनकी सूचनाओं के आधार पर सुरक्षा की रणनीति तैयार की गई है।