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40 मिनट में कमांडोज ने अपहर्ताओं के कब्जे से छुड़ा लिया प्लेन

पटना एयरपोर्ट पर एक घंटे तक चली प्लेन हाइजैक की मॉक ड्रिल

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 10:30 PM (IST)
40 मिनट में कमांडोज ने अपहर्ताओं के कब्जे से छुड़ा लिया प्लेन
40 मिनट में कमांडोज ने अपहर्ताओं के कब्जे से छुड़ा लिया प्लेन

पटना : हलो जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंट्रोल.. मूनलैंड से सनलैंड जा रहे एबीसी के वीटी एबीसी ए 320 विमान को अपहर्ताओं ने हाइजैक कर लिया है। इस विमान में 40 यात्री सवार हैं। पटना एयरपोर्ट कंट्रोल इस विमान को लैंड करने की अनुमति दे, ताकि यह सफलतापूर्वक यहां लैंड कर सके। एयरपोर्ट कंट्रोल को विमान हाइजैक का इमरजेंसी मैसेज मिलते ही तुरंत राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी से संपर्क कर इसकी सूचना दी गई और विमान को लैंड कराने की अनुमति मांगी गई। तत्काल पटना पुलिस के साथ-साथ एटीएस व एसटीएफ के साथ ही डीजीपी कंट्रोल को भी इसकी सूचना दे दी गई।

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इसके साथ ही विमान को सफलतापूर्वक लैंड करवा लिया गया। तब तक गृह विभाग के प्रधान सचिव, आइजी एटीएस पारसनाथ, आइजी एसटीएफ कुंदन कृष्णन, एडीजी जीएस गंगवार, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी के साथ ही आसपास के सभी थानों की पुलिस भी एयरपोर्ट पहुंच चुकी थी। देखते-देखते पटना एयरपोर्ट पूरी तरह पुलिस छावनी में बदल गया। विमान के लैंड होते ही कंट्रोल की ओर से अपहर्ताओं से बातचीत शुरू की गई। कंट्रोल में बैठे अधिकारियों से अपहर्ताओं ने विमान में बंधक बनाकर रखे गए यात्रियों को छोड़ने के एवज में 50000 यूएस डॉलर और कोलकाता जेल में बंद उनके तीन साथियों की रिहाई की मांग की। इस बीच सुरक्षा बल विमान को अपहर्ताओं से मुक्त कराने की योजना बनाकर कार्रवाई में जुट गए। कंट्रोल में बैठे अधिकारियों की पूरी कोशिश रही कि सुरक्षा बलों को कार्रवाई का मौका देने के लिए अपहर्ताओं को बातों में उलझाए रखा जाए। सीआइएसएफ और बीएमपी के कमांडोज को विमान को अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने की जिम्मेदारी दी गई। मौके का फायदा उठाते हुए 40 मिनट के अंदर ही सुरक्षा बलों ने विमान को अपहर्ताओं से मुक्त करा लिया।

एयरपोर्ट पहुंचे यात्रियों की रुक गई सांसें

इस दौरान एयरपोर्ट पर अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रहे तमाम यात्रियों की सांसें रुकी रहीं। यात्रियों को डर था कि अपहर्ता किसी अनहोनी को न अंजाम न दें बैठें। जब विमान को अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया गया तो एयरपोर्ट पर सूचना प्रसारित की गई कि यह कोई वास्तविक घटना नहीं, बल्कि एक मॉक ड्रिल थी। हर छह माह में एक बार पटना एयरपोर्ट की चौकसी बरकरार रखने के लिए ऐसा किया जाता है। इसकी जानकारी केवल एयरपोर्ट निदेशक को ही रहती है। मॉक ड्रिल की कार्रवाई सुबह 9 बजे से 10 बजे तक चली। मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संचालन के बाद प्रधान सचिव श्री सुबहानी ने कहा कि एयरपोर्ट ऑथोरिटी को सुरक्षा के लिए दूसरी और तीसरी लाइन को भी विकसित करना होगा। पहली लाइन को सपोर्ट के लिए ऐसा जरुरी है। उनहोंने एटीएस के साथ अलग से इस तरह का अभ्यास करने की बात कही।


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