गंगा में स्कॉर्पियो की तलाश बंद, खोजी नेवी टीम लौटी
महात्मा गांधी सेतु से गंगा में गिरी स्कॉर्पियो की तलाश 15 दिनों तक चले बेनतीजा रहे अभियान के बाद बंद कर दी गई है।
पटना सिटी । आलमगंज थाना क्षेत्र के महात्मा गांधी सेतु के पाया संख्या-38 के समीप पश्चिमी लेन पर मंगलवार की भोर लोहे की बैरिके¨डग तोड़कर गंगा में गिरी उजले रंग की स्कॉर्पियो का सुराग मंगलवार को 15वें दिन भी नहीं मिल सका। पखवारा तक चला सर्च ऑपरेशन बेनतीजा रहा। सर्च अभियान इसी के साथ बंद कर दिया गया है।
गायघाट में आठ सदस्यीय नेवी टीम अत्याधुनिक सोनार सिस्टम तथा विशेष क्रेन व उत्तराखंड से आई पांच सदस्यीय टीम वोट से पाया संख्या-38 से दीदारगंज तक सोनार सिस्टम से गंगा में लुप्त स्कॉर्पियो की खोजबीन करती रही। सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक आठ बोट से गंगा की गहराई में गायघाट से दीदारगंज तक उजले रंग की स्कॉर्पियो को खोजने में एनडीआरएफ टीम के सदस्य खोजबीन करते रहे। शाम तक गोताखोरों को सफलता नहीं मिल सकी। गायघाट में नेवी, उत्तराखंड एसडीआरएफ व एनडीआरएफ टीम के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद एसडीओ राजेश रौशन ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर लिए गए निर्णय में बताया कि बुधवार से गंगा में लुप्त स्कॉर्पियो की खोजबीन बंद होगी। निर्णय के बाद नेवी, एनडीआरएफ व उत्तराखंड एसडीआरएफ की टीम ने लौटना प्रारंभ कर दिया है। -नेवी व उत्तराखंड एसडीआरएफ टीम ने शाम तक की खोजबीन
नेवी की आठ सदस्यीय एक्सपर्ट टीम के प्रभारी लेफ्टिनेंट एसके ¨सह ने मंगलवार को बताया कि सोनार टेक्नोलॉजी से गंगा नदी की गहराई में मौजूद ऑब्जेक्ट्स का पता लगाने का प्रयास पाया संख्या-38 से लेकर दीदारगंज तक किया गया। संभावना बनने पर क्रेन की मदद से भी खोजबीन किया गया। अत्याधुनिक सोनार तकनीक का उपयोग कर गंगा में डूबी उजले रंग के स्कॉर्पियो को ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। एनडीआरएफ की वोट पर नेवी एक्सपर्ट टीम दोपहर तक लैपटॉप द्वारा गंगा में सोनार सिस्टम से खोजबीन को ऑपरेट करती रही। उधर उत्तराखंड एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय टीम एनडीआरएफ की दूसरी बोट पर इंस्पेक्टर राजेश कुमार के नेतृत्व में गंगा में सोनार सिस्टम से खोजबीन करती रही। नेवी टीम के सदस्यों ने बताया कि गंगा में पानी में करंट होने से अभियान में लगातार परेशानी हो रही है। काफी खोजबीन के बाद गंगा में लुप्त स्कॉर्पियो के नहीं मिलने पर खोजी टीम ने प्रशासनिक आदेश के बाद लौटने का निर्णय लिया।