बिहार कैबिनेट की बैठक: बिजली दर में राहत, सब्सिडी का ऐलान
मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। बिजली उपभोक्ताओं को सरकार ने बड़ी राहत और सौगात दी है।
पटना [जेएनएन]। राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सरकार ने बड़ी राहत और सौगात दी है। बिजली की बढ़ी दरों का बोझ उपभोक्ताओं पर न पड़े इसके लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुदान के मद में 4137 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है। सरकार द्वारा सब्सिडी घोषित किए जाने के बाद अब कुटीर ज्योति के उपभोक्ताओं के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की घरेलू बिजली, कृषि एवं सिंचाई की बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 2012 में राज्य विद्युत बोर्ड को पुनर्गठित करते हुए इसे पांच कंपनियों में बांट दिया है। विद्युत विनियामक आयोग इसके पहले से राज्य में कार्यरत है। आयोग प्रत्येक वर्ष बिजली दरों का निर्धारण करता है। पूर्व वर्षों की भांति 2018-19 में भी आयोग ने टैरिफ का निर्धारण किया है।
आयोग द्वारा टैरिफ दरें बढ़ाने के बाद भी बंगाल और उत्तर प्रदेश के मुकाबले बिहार की बिजली सस्ती है। बावजूद सरकार ने राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली की बढ़ी दरों से राहत देने के लिए अनुदान देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि बीते वित्तीय वर्ष में बिजली अनुदान मद में सरकार ने 2952 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस वर्ष बिजली अनुदान मद के लिए 4137 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अनुदान राशि में 1185 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।
मुख्यसचिव ने बताया कि कुटीर ज्योति की उपभोक्ताओं के लिए आयोग ने 6.43 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की है। सरकार इसपर 3.98 रुपये का अनुदान देगी। जिसके बाद कुटीर ज्योति की उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट महज 2.45 रुपये का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार घरेलू ग्रामीण के लिए आयोग ने बिजली दरें प्रति यूनिट 6.62 रुपये निर्धारित की हैं।
सरकार इनमें 3.45 रुपये का अनुदान देगी। उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट सिर्फ 3.17 रुपये प्रति यूनिट देने होंगे। इसी प्रकार आयोग ने कृषि एवं सिंचाई के लिए आयोग ने 6.61 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की थी। सरकार इसमें 5.11 रुपये अनुदान देगी जिसके बाद उपभोक्ताओं को सिर्फ 1.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से पैसे चुकाने होंगे।
मुख्यसचिव ने बताया शहरी घरेलू बिजली के लिए आयोग ने 7.23 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित की है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इस दर में मात्र दस पैसे की वृद्धि की गई है। शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सरकार 1.83 रुपये का अनुदान देगी। मुख्यसचिव ने बताया कि वर्ष 2017-18 के लिए प्रदेश में बिजली उपलब्धता 27178 मिलियन यूनिट थी, जबकि इस वर्ष बिजली उपलब्धता 29403 मिलियन यूनिट निर्धारित है।
एक नजर में
कुटीर ज्योति 6.43 रुपए प्रति यूनिट
सरकार का अनुदान 3.98 रुपये
अनुदान के बाद प्रति यूनिट दर 2.45 रुपये
बंगाल में कुटीर ज्योति उपभोक्ता देते हैं 3.44 रुपये
यूपी के उपभोक्ता देते हैं 3.39 रुपये
घरेलू ग्रामीण 6.62 रुपये प्रति यूनिट
सरकार का अनुदान 3.45 रुपये
अनुदान के बाद प्रति यूनिट दर 3.17 रुपये
बंगाल में यही दर है 4.75
यूपी में 4.25 रुपये प्रति यूनिट
कृषि एवं सिंचाई 6.61 रुपये प्रति यूनिट
सरकार का अनुदान 5.11 रुपये
अनुदान के बाद प्रति यूनिट दर 1.50 रुपये
बंगाल में इस मद में लगते हैं 4.07 रुपये
यूपी में सरकार लेती है 2.43 रुपये
बरौनी, नबीनगर और कांटी बिजली घर एनटीपीसी को ट्रांसफर
मंत्रिमंडल ने राज्य की तीन विद्युत इकाई बरौनी, नबीनगर और कांटी बिजली घर को एनटीपीसी को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि इन तीनों बिजली यूनिट का संचालन अब नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन करेगा।
फैसले के प्रभावी होने के बाद सरकार को इन यूनिटों से सस्ती दर पर बिजली मिलेगी। इसके साथ ही इकाइयों को एनटीपीसी को सौंपने से सरकार को बिजली उत्पादन और वितरण मद में होने वाले घाटे से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा अनुमान है कि सरकार को प्रतिवर्ष 875 करोड़ रुपये का मुनाफा भी होगा।