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स्कूल संचालक अभिभावकों को दे रहे धमकी, फीस नहीं दे सकते तो सरकारी विद्यालय में करा लें नामांकन

फीस को लेकर राजधानी के स्कूल संचालक और अभिभावक आमने-सामने आ गए हैं। अधिकांश स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों को फोन कर रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 11:50 AM (IST)
स्कूल संचालक अभिभावकों को दे रहे धमकी, फीस नहीं दे सकते तो सरकारी विद्यालय में करा लें नामांकन
स्कूल संचालक अभिभावकों को दे रहे धमकी, फीस नहीं दे सकते तो सरकारी विद्यालय में करा लें नामांकन

पटना, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान फीस को लेकर अभिभावक एवं स्कूल आमने-सामने आ गए हैं। राजधानी के अधिकांश स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों को फोन कर रहे हैं। कई प्राचार्य वीडियो बनाकर के अभिभावकों को भेज रहे हैं, जिसमें फीस देने की अपील की जा रही है। कुछ स्कूल अभिभावकों को मैसेज तो कई वाट्सअप कर फीस की मांग कर रहे हैं। वहीं कई स्कूलों ने अभिभावकों को सीधे धमकी देना शुरू कर दिया है कि अगर फीस नहीं दे सकते तो सरकारी स्कूल में नामांकन करा लें। खासकर वे स्कूल, जिनकी शिकायत क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक के पास की गई है।

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सोशल मीडिया पर वायरस हुआ वाट्सएप पर आया मैसेज

राजधानी के एक निजी स्कूल ने सीधे अभिभावक को मैसेज भेजा कि फीस नहीं दे सकते तो बच्चे का नामांकन सरकारी स्कूल में करा लें। यह मैसेज गुरुवार को सोशल मीडिया का पर काफी वायरल हो गया। इसको लेकर अभिभावकों एवं स्कूलों में सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई।

सात फीसद फीस बढ़ाने की अनुमति

साथ ही स्कूलों का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा सात फीसद फीस बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है। इतनी कम राशि से स्कूलों को चलाने में काफी परेशानी हो सकती है। कई स्कूल तो फीस को लेकर प्रशासन द्वारा बरती जा रही है सख्ती का ठीकरा मीडिया पर फोड़ रहे हैं।

23 स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायत

पटना के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार सिन्हा का कहना है कि किसी भी स्थिति में स्कूलों को सात फीसद से ज्यादा फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। राजधानी के 23 स्कूलों के खिलाफ सात फीसद से ज्यादा फीस बढ़ाने की शिकायत मिली है, उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में अभिभावकों से साक्ष्य मांगे गए हैं। साक्ष्य मिलने के बाद स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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