गेडे बॉर्डर से आज भारत आएगा सतीश, भाई पहुंच गया बंगाल
पटना। बांग्लादेश की लक्ष्मीपुर जिला जेल में 11 साल से कैद दरभंगा के हायाघाट का रहने वाला सतीश गुरुवार को स्वदेश लौटेगा।
पटना। बांग्लादेश की लक्ष्मीपुर जिला जेल में 11 साल से कैद दरभंगा के हायाघाट का रहने वाला सतीश चौधरी गुरुवार को आजाद हो जाएगा। बांग्लादेश की सेना उसे दर्शना बॉर्डर तक लेकर आएगी। इधर, गेडे सीमा पर भारतीय सैनिक सतीश को रिसीव करेंगे। बुधवार की देर शाम सतीश का भाई मुकेश पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णानगर मुख्यालय पहुंच गया। यहां से दर्शना-गेडे बॉर्डर की दूरी 22 किलोमीटर बताई जा रही। मुकेश के साथ मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर भी हैं। दोनों गुरुवार की अलसुबह बॉर्डर पर पहुंच जाएंगे।
दरभंगा जिले के हायाघाट थानातर्गत मनोरथपुर तुलसी गांव का रहने वाला मुकेश पटना के कदमकुआं इलाके में रहकर पंडाल निर्माण का काम करता है। वह 12 अप्रैल 2008 को छोटे भाई सतीश को काम के लिए पटना लेकर आया था। 15 अप्रैल 2008 को एसके मेमोरियल हॉल में काम करने के दौरान सतीश लापता हो गया था। खोजबीन करने के बाद आठ मई 2008 को मुकेश ने गांधी मैदान थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी थी। 17 मार्च 2012 को इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की बिहार राज्य शाखा से मुकेश के दरभंगा स्थित पते पर सतीश का एक पत्र भेजा गया। तब घरवालों को जानकारी मिली कि वह बांग्लादेश की जेल में कैद है। दफ्तुआर ने बताया कि गेडे बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के सेकेंड इन कमांड संजय दास से उनकी बात हुई है। अभी तक बांग्लादेश की ओर से सतीश को मुक्त करने का समय तय नहीं किया है। उम्मीद है कि सुबह 10 से 11 बजे के बीच बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स सतीश को अपने साथ लेकर दर्शना-गेडे सीमा पर आएंगे। बीएसएफ के अधिकारी संपर्क कर रहे हैं।