बोरवेल में मासूम: रेस्क्यू के बाद मौन निगाहों से कहा- थैंक्यू, रो पड़े लोग
तीन साल की सना को गहरे बोरवेल से निकाल ही लिया गया। इसके बाद सना ने मासूम निगाहों से 'थैक्यू' कहा तो सबकी आंखें भर आईं। माता-पिता भी लाड़ली को गोद में लेकर फफक पड़े।
पटना [जेएनएन]। तीन साल की सना को 29 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 110 फीट गहरे बोरवेल से निकाल ही लिया गया। इसके बाद दो दिनों की तमाम आशंकाओं पर विराम लगा। साथ ही लंबे समय बाद प्रशासन के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगे। उधर, सना ने मासूमियत भरी निगाहों से 'थैक्यू' कहा तो भीड़ रो पड़ी। माता-पिता भी अपनी लाड़ली को गोद में लेकर खुशी में फफक पड़े।
मंगलवार तीन बजे बोरवेल में गिरी थी बच्ची
विदित हो कि मुंगेर के मुर्गिया चक इलाके में मंगलवार अपराह्न तीन बजे सना बोरवेल में गिर गई गई थी। वह 45 फीट नीचे जाकर प्लास्टिक के पाइप से अटक गई थी। इसके बाद से ही स्थानीय लोग और प्रशासन की टीम उसे सुरक्षित निकालने में जुट गए थे। प्रशासन ने भागलपुर और खगडिय़ा से एसडीआरफ, एनडीआरएफ और सेना को भी सहायता के लिए बुलाया था। इस बीच मौके पर मौजूद डॉक्टरों की टीम लगातार बच्ची की एक-एक हरकत पर नजर बनाए थी। उसे लगातार पाइप से अॉक्सीजन दिया जा रहा था।
दुआओं में उठे हजारों हाथ
बुधवार को सकुशल निकाले जाने की चर्चा घंटों चलती रही। दरअसल, बचाव दल के सना तक पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद ही उसे बाहर निकाला जा सका। इस बीच उसकी सकुशल बरामदगी के लिए देश भर में दुआओं का दौर चला। पटना समेत राज्य के अलग-अलग इलाकों से सना के लिये पूजा-पाठ और हवन किए गए।
प्रशासन के पक्ष में लगे जिंदाबाद के नारे
जैसे ही बचाव दल सना को लेकर एंबुलेंस में गया, भीड़ खुशी से चिल्लाने लगी। सना को होश में व स्वस्थ देखकर प्रशासन के पक्ष में गगनभेदी नारेबाजी होने लगी। बीते कई सालों में प्रशासन के पक्ष में जनता का यह समर्थन पहली बार देखने को मिला।