जमीन से जुड़े कामकाज में सहरसा, मधेपुरा और सुपौल फिसड्डी, जहानाबाद, नवादा और समस्तीपुर आगे
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हर महीने अपने अधिकारियों के काम काज का मूल्यांकन करता है । म्यूटेशन सर्वे-सर्किल ऑफिस का निरीक्षण भूमि लगान जमाबंदी परिमार्जन एवं अभियान बसेरा में हासिल उपलब्धियों के लिए इन्हें सौ अंक दिए जाते हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो । जमीन से जुड़े मामलों के निबटारे में राज्य के तीन जिले सहरसा, मधेपुरा और सुपौल फिसड्डी साबित हो रहे हैं। जनवरी के कामकाज का मूल्यांकन बताता है कि जहानाबाद, नवादा और समस्तीपुर जिले की उपलब्धि अच्छी है। इन जिलों के संबंधित एडीएम को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगा।
90. 28 प्रतिशत अंक लेकर समस्तीपुर टॉप
मालूम हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हर महीने अपने अधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन करता है। म्यूटेशन, सर्वे-सर्किल ऑफिस का निरीक्षण, भूमि लगान, जमाबंदी, परिमार्जन एवं अभियान बसेरा में हासिल उपलब्धियों के लिए इन्हें सौ अंक दिए जाते हैं। जहानाबाद को सौ में 97.37, नवादा को 94. 37 और समस्तीपुर को 92.11 प्रतिशत अंक मिले हैं। म्यूटेशन में 90. 28 प्रतिशत अंक लेकर समस्तीपुर टॉप पर है। नवादा और जहानाबाद दूसरे-तीसरे नम्बर पर है। भू लगान के मामले में भी जहानाबाद एक नम्बर पर है। अभियान बसेरा के कार्यान्वयन में जिले को शत प्रतिशत सफलता हासिल हुई है।
डीसीएलआर के कामकाज के मासिक मूल्यांकन के लिए भी सौ अंक निर्धारित हैं। परिमार्जन, म्यूटेशन, भू लगान, अंचलों का निरीक्षण, म्यूटेशन के मामलों का निष्पादन, अपील केस का निबटारा और अतिक्रमण हटाओ अभियान में सक्रियता के आधार पर अंक निर्धारित किए जाते हैं। डीसीएलआर श्रेणी में सारण जिले का सोनपुर, सुपौल का निर्मली और पटना सदर अनुमंडल को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला है। पिछड़े जिलों में अररिया, मधेपुरा और भागलपुर के क्रमश: फारबिसगंज, उदाकिशनगंज और नवगछिया अनुमंडल हैं। सोनपुर की उपलब्धि 99.01, निर्मली की 98.02 और पटना सदर की 97.03 प्रतिशत दर्ज की गई है।
मंत्री ने की है घोषणा
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने बेहतर काम करने वाले अफसरों को ईनाम देने की घोषणा की है। इसके लिए हर साल एक लाख 11 हजार रुपया अपने वेतन से देंगे। यह राशि साल भर में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले एडीएम, सीसीएलआर, सीओ, राजस्व अधिकारी और हलका कर्मचारियों के बीच ईनाम के तौर पर बंटेंगे।