रुपसपुर हादसाः स्पीड ब्रेकर पर शव उछला तो पता लगा गाड़ी में फंसी है लाश
पटना में गुरुवार को हुआ सड़क हादसा रोंगटे खड़े करने वाली घटना की दास्तां कह रहा है। इस खबर में पढ़ें आरोपितों की जुबानी से कि उस दिन क्या हुआ था।
पटना, जेएनएन। बुधवार रुकनपुरा मुसहरी के पास हुआ सड़क हादसा परत दर परत रोंगटे खड़े करने वाली घटना की तस्दीक करा रहा है। नाबालिगों से पूछताछ में पता चला है कि उनकी क्विड कार (बीआर वन डीवाई 2937) से टक्कर लगने के बाद भी अधेड़ जिंदा था। हादसे के बाद उसका पैर कार में ही फंस गया था। उन्हें उसकी मौत की खबर तक लगी जब इंद्रपुरी के पास ब्रेकर से उछलकर शव सामने आ गया। लड़कों ने कहा कि हमें लगा कि कार भगाने पर युवक छूट गया है।
भीड़ से बचने के लिए भगाई कार
कार सवार दोनों नाबालिगों ने उसका पांव निकालने की कोशिश की थी, लेकिन लोग जब उनकी तरफ मारने को दौड़े तो वे तेजी से कार को भगाने लगे। अधेड़ तब भी कार में फंसा हुआ था। भीड़ से बचने को लड़कों ने कार तेज कर दी जिससे अधेड़ दस किलोमीटर तक घिसटता हुआ तड़प-तड़पकर मर गया। गिरफ्तार नाबालिगों ने पुलिस को ये बयान दिए हैं। पुलिस ने नाबालिगों समेत दोनों के पिता पर भी गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। सड़क पर घिसटते हुए लाश इतनी क्षत-विक्षत हो गई थी कि पुलिस और लोग यह नहीं तय कर पाए कि शव बच्चे का है या युवक अथवा वृद्ध का। बुधवार को सायं साढ़े पांच बजे हुई दुर्घटना के दूसरे दिन गुरुवार को चौबीस घंटे बीतने के बाद भी शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
कार के सामने आ गया अधेड़
बयान में आरोपितों ने कहा है कि अधेड़ कार में ही फंसा है, इसकी जानकारी तब हुई, जब इंद्रपुरी रोड नंबर पांच में स्पीड ब्रेकर पर शव का एक टुकड़ा उछलकर गिरा। पाटलिपुत्र थाने में गुरुवार को दोनों से पूछताछ पूरी हुई। छात्रों ने बताया कि वे घूमने के लिए रुकनपुरा गए थे। रुकनपुरा मुसहरी के पास ओवरब्रिज से उतरते ही कार के सामने अधेड़ आ गया जिससे कार का बैलेंस बिगड़ गया। उसे इतनी जोरदार टक्कर लगी कि उछलकर वह कार के पीछे चला गया। घटना के दूसरे दिन भी रूपसपुर थाने की पुलिस मृतक की शिनाख्त नहीं कर सकी। पुलिस ने आसपास के इलाके में जानकारी जुटाई, मगर किसी से कुछ पता नहीं चला।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत परिजन भी दोषी
रुपसपुर थानाध्यक्ष चंद्रभानू ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों के तहत नाबालिग के गाड़ी चलाते वक्त किसी तरह की दुर्घटना होने पर उनके परिजन भी दोषी माने जाते हैं। पुलिस ने इसी आधार पर नाबालिगों, उनके पिता कार मालिक आलोक चंद्रा और दूसरे आरोपित के पिता मलय कुमार पर भी एफआइआर दर्ज की है। इसमें 279, 304 और 34 आइपीसी की धारा लगाई है। नाबालिगों के पास लाइसेंस भी नहीं है। आरोपितों को रिमांड होम भेजा जाएगा।
24 घंटे बाद भी नहीं हो सकी पहचान
छिपाई जा रही लड़कियों की पहचान घटना के चौबीस घंटे बाद भी पुलिस मृतक की शिनाख्त नहीं कर सकी है। इधर, दोनों छात्राओं के साथ कार में दोनों लड़कियां कौन थी? इस पर कुछ भी बोलने से पुलिस बच रही है। पाटलिपुत्र में कार में सवार दोनों लड़के जब पकड़े गए तो उसके दस मीटर पहले ही दोनों लड़कियां उतरी थीं और पास के एक अपार्टमेंट में चली गई थीं।
बच्चों के हाथ में थमा दी मौत की गाड़ी
रूपसपुर में कार चला रहे नाबालिग के हाथों अधेड़ की मौत ने पुलिस के साथ उन अभिभावकों को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है, जो बच्चों की जिद के आगे उनके हाथों में ‘मौत की गाड़ी’ थमा देते हैं। वाहन चेकिंग के नाम पर बाइकर्स का चालान काटकर कोरम पूरा करने वाली ट्रैफिक पुलिस भी कार चालकों का लाइसेंस तक नहीं चेक करती है। इसके पूर्व भी शहर में ऐसे कई हादसे हो चुके है, जिसे कार सीखने के चक्कर में दूसरों की जान चली गई।
बोलेरो सीखने में बच्चे को रौंद दिया
जक्कनपुर थाना के पास मैदान में नाबालिग ने बोलेरो की ड्राइविंग सिखने के क्रम में बच्चे को रौंद दिया था। बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। हंगामा और तोड़फोड़ हुआ। नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रामकृष्णनगर में स्कार्पियो सीखने में तीन को कुचला दिसंबर 2018: रामकृष्णानगर थाना क्षेत्र के नयाचक में मैदान में भाई के साथ स्कॉर्पियो चलाना सीख रही लड़की ने वहां धूप सेंक रहे एक ही परिवार के पांच लोगों को कुचल दिया था। इसमें मौके पर ही एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।