बिहार में शराब पीकर किया था हंगामा, सरकारी सेवक किए गए बर्खास्त, अब कभी नहीं कर पाएंगे नौकरी
अमृत कुमार झा को पिछले साल के अक्टूबर में शराब के नशा में कार्यालय में हंगामा करते पकड़ा गया था। सुपौल के अपर समाहर्ता ने मद्य निषेध के उत्पाद अधीक्षक को दी। मेडिकल जांच में पाया गया कि कर्मी ने करीब सौ मिलीलीटर शराब का सेवन किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना : शराब सेहत के साथ साथ नौकरी के लिए भी घातक है। शराब पीने के आरोप में राज्य सरकार ने एक सूचना लिपिक अमृत कुमार झा को बर्खास्त कर दिया है। उन्हें अब कभी सरकारी नौकरी भी नहीं मिलेगी। वे सुपौल में तैनात थे। पिछले साल प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
शराब के नशे में कार्यालय में हंगामा करते पकड़ा गया था
अमृत कुमार झा की बर्खास्तगी के आदेश में कहा गया है कि उन्हें पिछले साल के अक्टूबर में शराब के नशे में कार्यालय में हंगामा करते पकड़ा गया था। इसकी सूचना सुपौल के अपर समाहर्ता ने मद्य निषेध के उत्पाद अधीक्षक को दी। मेडिकल जांच में पाया गया कि कर्मी ने करीब सौ मिलीलीटर शराब का सेवन किया है। इसे मद्य निषेध कानून के अलावा बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली का उल्लंघन बताया गया।
होमियोपैथिक दवा का सेवन करने की कही थी बात
विभागीय कार्रवाई के दौरान कर्मचारी ने कहा कि वह होमियोपैथिक दवा का सेवन करता है। उस दिन भूलवश दवा की डबल डोज ले ली थी। इसी कारण मुंह से शराब की गंध आ रही थी। जांच में उसी को अल्कोहल बताया जा रहा है।
अगस्त में बर्खास्तगी का आदेश निर्गत
अमृत कुमार झा को जवाब देने के लिए दो बार अवसर दिया गया। जांच पदाधिकारी उनके दूसरे जवाब से भी संतुष्ट नहीं हुए। पिछले महीने की 28 तारीख को अमृत झा की बर्खास्तगी का आदेश निर्गत हो गया। गौरतलब है कि राज्य में शराबबंदी है। बावजूद इसके कानून के उल्लंघन के मामले सामने आते रहते हैं। अमृत कुमार झा सूचना लिपिक के पद पर कार्यरत थे। आरोपत था कि शराब के नशे में वे कार्यालय आ गए थे। इस दौरान उन्होंने आफिस में जमकर हंगामा किया था। मेडिकल जांच में पता चला कि उन्होंने ने करीब सौ मिलीलीटर शराब का सेवन किया है।