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रजिस्ट्रेशन काउंटर का कंप्यूटर बंद, मरीजों का हंगामा

एनएमसीएच पहुंचे बहुत मरीजों को लौटना पड़ा, ओपीडी में आपाधापी

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 01:35 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 01:35 AM (IST)
रजिस्ट्रेशन काउंटर का कंप्यूटर बंद, मरीजों का हंगामा
रजिस्ट्रेशन काउंटर का कंप्यूटर बंद, मरीजों का हंगामा

- एनएमसीएच पहुंचे बहुत मरीजों को लौटना पड़ा, ओपीडी में आपाधापी

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- ढाई घंटों तक सेंट्रल काउंटर का कामकाज रहा ठप जागरण संवाददाता,

पटना सिटी। एक ओर पीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाने की कोशिश जारी है। वहीं एनएमसीएच में बेहद जरूरी सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर की बदहाल व्यवस्था सालों से दूर नहीं हो पा रही है। गुरुवार को एक बार फिर बीमार व्यवस्था का खामियाजा दूर दराज से आए गरीब मरीजों को भुगतना पड़ा। सर्वर के काम नहीं करने से कांउटर पर लगा कंप्यूटर चालू नहीं हुआ। घंटों से कतार में खड़े मरीजों एवं परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। सुरक्षा कर्मियों ने उग्र भीड़ को नियंत्रित किया। करीब ढाई घंटे बाद कंप्यूटर चला तो मरीजों का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ। धक्का-मुक्की होने लगी।

सुबह करीब 10:25 बजे के बाद मरीजों के अचानक ओपीडी में पहुंचने से वहां अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। एक साथ अधिक मरीजों के पहुंच जाने से डॉक्टरों को भी परेशानी हुई। दोपहर करीब एक बजते ही कुछ डॉक्टर ओपीडी से लौटने लगे। सभी कंप्यूटर बंद रहने के कारण रजिस्ट्रेशन नहीं होने तथा समय समाप्त होने के बाद ओपीडी पहुंचने वाले बहुत सारे मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा। औसतन दो हजार पहुंचने वाले मरीजों की जगह केवल 1089 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो सका। - रख-रखाव करने वाले इंजीनियर को सालों से भुगतान नहीं

हद तो यह है कि रजिस्ट्रेशन काउंटर के कंप्यूटरों का रख-रखाव करने वाले आउटसोर्स इंजीनियर को कई सालों से भुगतान नहीं हुआ है। अस्पताल के कार्यालय सूत्रों ने बताया कि यही वजह है कि रॉबिन नाम कर इंजीनियर सूचना देने पर भी अस्पताल पहुंचने में आनाकानी करता है। सर्वर के काम नहीं करने की सूचना देने के घंटों बाद समस्या ठीक हो सकी। - मरीज की सेवा के बदले कंप्यूटर चला रहीं नर्स

एक तरफ विस्तार पाये इमरजेंसी में नर्सों की कमी के कारण मरीजों का इलाज बाधित हो रहा है वहीं अस्पताल प्रशासन ने नर्सों को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कंप्यूटर चलाने में तैनात कर दिया है। काउंटर पर लगे सात छह कंप्यूटरों में से पांच पर नर्स कार्यरत हैं। दो पुरुष और तीन नर्स मरीजों की सेवा करने के बजाय सुरक्षित जोन में यहां कंप्यूटर चला रही हैं। कार्यालय सूत्रों का कहना है कि नर्स के वेतनमान से बेहद कम मानदेय पर कंप्यूटर ऑपरेटर बहाल कर उनसे रजिस्ट्रेशन का काम लिया जा सकता है। - मरीज का इंतजार कर रहे डॉक्टर काउंटर पहुंचे

सुबह दस बजे तक ओपीडी में एक भी मरीज के नहीं पहुंचने से सेवा को समर्पित कुछ डॉक्टरों की उत्सुकता बढ़ गई। कारण जानने के लिए वह रजिस्ट्रेशन काउंटर पहुंचे तो उन्हें पूरे मामले की जानकारी हुई। यहां की व्यवस्था देख हैरान हुए डॉक्टर से इंजीनियर ने भी अपनी पीड़ा सुनाई। करीब साढ़े दस बजे ओपीडी लौट कर डॉक्टर मरीजों को देखने में जुट गए। - काउंटर बढ़ाने की लगातार हो रही मांग

एनएमसीएच के सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर की संख्या कंप्यूटर व ऑपरेटर सहित बढ़ाने की मांग लंबे समय से मरीजों, परिजनों, कर्मियों एवं डॉक्टरों द्वारा की जा रही है। एक सर्वर कंप्यूटर के अलावा एक इमरजेंसी मरीजों के लिए, एक पुराने मरीजों के लिए तथा चार अन्य पर ओपीडी में आने वाले मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। अस्पताल में मरीजों की संख्या 2500 तक पहुंच जा रही है। बुजुर्ग व महिला मरीज को अधिक परेशानी होती है। इमरजेंसी के समीप अतिरिक्त काउंटर खोलने की योजना अब तक साकार नहीं हो सकी है। अधीक्षक बोले..

इमरजेंसी के समीप कई रजिस्ट्रेशन काउंटर खोला जाना है। पीडब्लूडी को निर्माण कार्य पूरा करने के लिए लंबे समय से कहा जा रहा है। इस विभाग के अधिकारी सुनते ही नहीं हैं। काउंटर पर कंप्यूटर चलाने के लिए नर्स की जगह ऑपरेटर तैनात करने के लिए विभाग को लिखा गया है।

- डॉ. कृष्ण प्रसाद, उपाधीक्षक, एनएमसीएच


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