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भागवत के दौरे से संघ के विस्तार अभियान को मिल रही धार, निकाले जा रहे कई मायने

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के लगतार बिहार दौरे से संघ के विस्‍तार अभियान को रफ्तार मिल रही है। वहीं इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 09:15 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 10:43 PM (IST)
भागवत के दौरे से संघ के विस्तार अभियान को मिल रही धार, निकाले जा रहे कई मायने
भागवत के दौरे से संघ के विस्तार अभियान को मिल रही धार, निकाले जा रहे कई मायने

पटना [रमण शुक्ला]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत इन दिनों अपने तीन दिवसीय बिहार प्रवास पर हैं। जनवरी से मई के बीच संघ प्रमुख का यह तीसरा दौरा है। संघ प्रमुख के महज पांच महीने के अंदर तीन बार बिहार आने के कई मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन इतना तय है कि भागवत के दौरे से बिहार में संघ के विस्तार अभियान को नई धार मिल रही है। संघ के तथ्य भी इस बात की तस्दीक करते हैं।

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'ज्वाइन आरएसएस' के तहत 2013 में जहां 25 हजार ऑनलाइन आवेदन आए थे, वहीं 2017 में यह संख्या बढ़कर सवा लाख हो गई। बिहार में संघ की कुल 1563 शाखाएं, 242 साप्ताहिक मिलन और 137 मंडलियां संचालित हो रही हैं।

उल्लेखनीय है कि भागवत ने फरवरी में अपने दस दिवसीय बिहार प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं को कई अहम टास्क दिए थे। उन्होंने ग्राम विकास, गौ संवर्धन, जैविक खेती और नए स्वयंसेवक बनाने व शाखा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया था। लोगों को संघ के विचारों से अवगत कराने को कहा था, ताकि वैसे लोगों को भी जोड़ा जा सके जिनकी विचारधारा अलग है। अब कोशिश है कि आरएसएस के प्रति श्रद्धा और समर्पण रखने वाले अधिक से अधिक नए स्वयंसेवक बनाए जाएं।

संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय कहते हैं कि फरवरी में मुजफ्फरपुर और पटना प्रवास के दौरान संघ प्रमुख ने गांवों में जाकर किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित किया था। संघ का उत्साह इस बात से भी बढ़ा है कि शाखाओं में आने के लिए नए-नए लोग आवेदन कर रहे हैं। संघ का मानना है कि शहर की बड़ी आबादी सोसाइटी कल्चर में शिफ्ट हो रही है, किंतु उनतक आरएसएस के कार्यक्रमों की जानकारी नहीं पहुंच पाती है। यही वजह है कि समाज के पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा तबकों तक आरएसएस के विचार पहुंचाने के मकसद से अपार्टमेंट प्रमुख नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है।

अपार्टमेंट्स प्रमुख घर-घर देंगे दस्तक

शहरी क्षेत्रों में विस्तार के लिए संघ ने नई रणनीति बनाई है। अब अलग-अलग शहरों में रिहायशी सोसाइटियों को प्रचार का केंद्र बनाया जाएगा। यानी ग्रामीण और सेमी-अर्बन क्षेत्रों से निकलकर आरएसएस के प्रचारक अब बड़े शहरों की सोसाइटी में हर दरवाजे पर दस्तक देंगे। योजना की सफलता के लिए अब बाकायदा 'अपार्टमेंट्स प्रमुख' नियुक्त किए जाएंगे, जो अपनी सोसाइटी या अपार्टमेंट में घर-घर जाकर संघ के विचार पहुंचाएंगे। उन्हें अपने साथ जुडऩे के लिए प्रेरित करेंगे।

आरएसएस कार्यकर्ता ही होगा प्रमुख

अपार्टमेंट प्रमुख की जिम्मेदारी किसी आरएसएस कार्यकर्ता को ही दी जाएगी, जिसे शाखा की जानकारी होगी। प्रमुख की जिम्मेदारी गु्रप मीटिंग करना और सोसाइटी के दूसरे लोगों से बातचीत करनी होगी। अपार्टमेंट प्रमुख साप्ताहिक और मासिक कार्यक्रम करेंगे।


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