भागलपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर समेत 15 शहर हैं आरपीएफ के रडार पर
अवैध ई-टिकटों की कमाई से टेरर फंडिंग का खुलासा होने के बाद नेपाल से गिरोह चलाने वाले सरगना के सदस्य भूमिगत हो गए हैं।
पटना । अवैध ई-टिकटों की कमाई से टेरर फंडिंग का खुलासा होने के बाद नेपाल से गिरोह चला रहे बस्ती के मास्टरमाइंड हामिद अशरफ उर्फ हामिद अंसारी के बिहार में रहने वाले अधिकांश गुर्गो ने अपनी गिरफ्तारी के डर से नेपाल अथवा अन्य शहरों में शरण ले रखी है। आरपीएफ की विशेष टीम को इनकी गिरफ्तारी में लगाया गया है। हामिद के दाहिने हाथ माने जाने वाले मो. मुस्तफा की गिरफ्तारी के बाद बिहार व झारखंड में इनके गिरोह से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है।
आरपीएफ की विशेष टीम की मानें तो ई-टिकट के काले कारोबारी मो. मुस्तफा के लिए काम करने वालों में सबसे अधिक भागलपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, रक्सौल, मोतिहारी, मधुबनी, दरभंगा, मुंगेर, जहानाबाद, अरवल, गया, औरंगाबाद, बेगूसराय, किशनगंज, पूर्णिया के लोग हैं। इसके अलावा गिरिडीह, रांची, धनबाद जिले के सदस्य भी हैं। इन जिलों के रहने वाले एजेंटों को आरपीएफ ने अपने रडार पर ले रखा है। सीतामढ़ी निवासी मनोज की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम जबतक उसके घर पहुंचती तबतक वह फरार होकर नेपाल पहुंच चुका था। समस्तीपुर निवासी मो. तबरेज व एक अन्य भी गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो चुके हैं। सीतामढ़ी निवासी मनोज मो. मुस्तफा व हामिद से काफी जुड़ा हुआ था। मनोज व तबरेज हरेक माह करोड़ों रुपये नेपाल में बैठे सरगना हामिद को हवाला के जरिये पहुंचाता था।
मो. मुस्तफा से कनेक्शन रहने की जानकारी मिलने के बाद आरपीएफ की टीम ने अरवल जिले के एक गांव में छापेमारी की। उसका करीबी पहले ही फरार हो चुका था। वह मो. मुस्तफा के काले धन को सफेद करने में मदद तो करता ही था बिहार से मोटी रकम हवाला के जरिये दुबई भी भेजता था। भागलपुर से चार दलालों की गिरफ्तारी व उनकी स्वीकारोक्ति के बाद आरपीएफ की टीम ने भागलपुर क्षेत्र में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है।
: 26 जनवरी के बाद कभी भी सरेंडर कर सकता है सरगना हामिद :
ई-टिकट के काले कारोबार का सरगना हामिद अंसारी शीघ्र ही पुलिस के समक्ष सरेंडर कर सकता है। बस्ती निवासी सरगना ने आरपीएफ के एक आला अधिकारी को मेल भेजकर अपने सॉफ्टवेयर एएनएमएस को बंद करने की बात कही है। हालांकि हामिद ने यह भी आरोप लगाया है कि इन सबके पीछे क्रिस व आइआरसीटीसी की गलत नीति है जिसका फायदा हैकर उठा रहे हैं। हामिद ने स्वीकार किया है कि उसने कई बार अपने एएनएमएस सॉफ्टवेयर के जरिये मेल भेजकर आइआरसीटीसी की खामियों को उजागर करते हुए इसे शीघ्र फूलप्रूफ करने का अनुरोध किया था। परंतु आइआरसीटीसी की ओर से उनके सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा है कि आइआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंध लगती रही और तत्काल टिकट का काला कारोबार जारी रहा।