दानापुर व मोकामा में शीघ्र शुरू होगी रूट रिले इंटरलॉकिंग
मुगलसराय से झाझा के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा मैनुअल पैनल का होना है।
पटना । मुगलसराय से झाझा के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा मैनुअल पैनल का होना है। हालांकि रेल प्रबंधन की ओर से अधिकांश स्टेशनों पर रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) का काम पूरा कर लिया गया है। दानापुर मंडल में अब दानापुर, मोकामा व किउल स्टेशनों पर आरआरआइ का काम बच गया है। यह पूरा होते ही मुगलसराय से झाझा तक ट्रेनों के तेज गति से परिचालन का रास्ता साफ हो जाएगा। दानापुर मंडल प्रबंधन पहले चरण में मोकामा जंक्शन पर आरआरआइ का काम शीघ्र ही शुरू करने जा रहा है। इसके तत्काल बाद दानापुर स्टेशन पर आरआरआइ का काम शुरू हो जाएगा। तीसरे चरण में किउल स्टेशन पर आरआरआइ का काम पूरा होगा।
इस बाबत दानापुर मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर ने बताया कि मुगलसराय से आसनसोल तक फिलहाल तीसरी लाइन का निर्माण संभव नहीं। इस रूट की ट्रेनों की गति बढ़ाकर लोड को कम किया जा सकता है। इसके लिए मोकामा में बहुत जल्दी आरआरआइ का काम शुरू होने जा रहा है। इसके ठीक बाद दानापुर में काम शुरू हो जाएगा। इससे ट्रेनों के परिचालन में सुगमता तो आएगी ही संरक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी सुधार होगा। आरआरआइ का काम पूरा होने से पूरे क्षेत्र में कहीं भी रेलवे ट्रैक पर कोई भी परेशानी होगी तो यहां पता चल जाएगा। सिस्टम में लाल नजर आने लगेगा।
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: क्या-क्या होगा फायदा :
आरआरआइ यानी रूट रिले इंटरलॉकिंग से सिग्नल सिस्टम पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा। इस सिस्टम में मैनपावर का कम से कम उपयोग होगा। आरआरआइ में प्वाइंट मिलने के बाद ही सिग्नल लाल या हरा होगा। रेलवे ट्रैक पर किसी तरह का अवरोध पैदा होने अथवा फ्रैक्चर होने की स्थिति में पैनल केबिन में बैठे अधिकारी को तत्काल पता चल जाएगा। जबकि मैनुअल में यह संभव नहीं है।