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पटना में मां-बेटे को बाथरूम में बांधकर 12 लाख की डकैती, अपराधी पर बच्चे पड़ गए भारी

चार की संख्या में घर के अंदर घुसे डकैतों ने पिस्तौल और चाकू के बल व्यवसायी की पत्नी सपना मित्तल और बेटे समर्थ मित्तल को बंधक बनाकर 12 लाख की संपत्ति लूट ली। भागने के क्रम में नशे में धुत एक बदमाश को खेल रहे किशोरों ने दबोच लिया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 01:10 PM (IST)
पटना में मां-बेटे को बाथरूम में बांधकर 12 लाख की डकैती, अपराधी पर बच्चे पड़ गए भारी
पटना में बच्चों के द्वारा दबोचा गया आरोपित।

जागरण संवाददाता, पटना: कदमकुआं थानांतर्गत जगत नारायण रोड में देव कुटीर कंपाउंड की तीसरी मंजिल पर रहने वाले व्यवसायी सुरेंद्र प्रसाद मित्तल के घर मंगलवार की शाम डकैतों ने धावा बोल दिया। चार की संख्या में घर के अंदर घुसे डकैतों ने पिस्तौल और चाकू के बल व्यवसायी की पत्नी सपना मित्तल और बेटे समर्थ मित्तल को बंधक बनाकर 12 लाख की संपत्ति लूट ली। वहीं, उनका एक साथी कंपाउंड के बाहर आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था। डकैतों ने मां-बेटों के हाथ और मुंह को प्लास्टिक टेप से बांध कर बाथरूम में बंद कर दिया था। भागने के क्रम में नशे में धुत एक बदमाश को कंपाउंड में खेल रहे किशोरों ने दबोच लिया। उसकी कमर से एक बड़ा चाकू बरामद हुआ। कैश और ज्वेलरी लूटने के दौरान अपराधियों के रिवाल्वर से छह एमएम बोर की गोली भी गिर गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास मिले चाकू, मोबाइल और कारतूस जब्त किए गए। वहीं, एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि गिरफ्तार आरोपित से पूछताछ चल रही है। जल्द ही अन्य आरोपित भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

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शाम सवा छह बजे घुसे थे डकैत

सुरेंद्र प्रसाद मित्तल की कदमकुआं में दाउजी मिष्ठान भंडार नामक दुकान है। उनके बेटे समर्थ मित्तल ने बताया कि छोटा भाई सौरव मित्तल कुछ देर पहले ही घर से दुकान के लिए निकला था। घर में आने के दो रास्ते हैं। बालकनी की तरफ वाला लोहे का गेट खुला था, क्योंकि शाम छह बजे के बाद पापा घर आते हैं। लगभग सवा छह बजे लोहे के गेट के पास लोगों के आने की आहट मिली। समर्थ अपने कमरे में थे। उनकी मां गेट के पास पहुंची तो एक बदमाश ने कहा- भइया, घर पर हैं? वे कुछ कह पातीं कि डकैत धक्का देकर अंदर घुस गए। धक्का लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ीं। डकैतों ने पिस्टल निकाल कर कनपटी पर सटा दिया। 

शोरगुल सुनकर कमरे से निकले समर्थ

शोरगुल सुनकर समर्थ कमरे से निकले तो देखा कि ड्राइंग रूम में उनकी मां को डकैतों ने घेर रखा है। जैसे ही डकैतों की नजर उनपर पड़ी कि उन्होंने समर्थ की कनपटी पर पिस्टल और गर्दन पर चाकू रख दिया। सहमी सपना मित्तल फफक पड़ीं तो समर्थ ने उन्हें चुप रहने का इशारा किया, क्योंकि उन्हें डर था डकैत कहीं गोली न चला दे। इसके बाद डकैत उन्हें मास्टर बेडरूम में लेकर चले गए। वहां प्लास्टिक की टेप से मां-बेटे के मुंह और हाथ को पीछे कर बांध दिया, फिर उनसे अलमारी की चाबी व रुपयों के बारे में पूछा। सपना मित्तल ने इशारा कर बताया कि चाबी दराज में रखी है।

20 मिनट तक बाथरूम में बंद रहे मां-बेटे

समर्थ ने बताया कि जैसे ही डकैतों ने दराज खोला, वहां उन्हें सात-आठ लाख रुपये दिखे। रुपयों को उन्होंने बैग में रख लिया। इसके बाद बाकी दराज को खोला और जो फुटकर या नोट मिले, सभी को समेट लिया। सपना मित्तल के हाथ से सोने की चूडिय़ां, गले से चेन आदि पहने हुए जेवरात लूट लिए, जिनकी कीमत लगभग चार लाख आंकी गई है। डकैतों ने  मां-बेटे को मास्टर बेडरूम के बाथरूम में लाक कर दिया। इससे पहले एक डकैत ने पैर से सपना मित्तल के पेट पर मारा। बाथरूम में फिसलन के कारण वे गिर पड़ीं, जिससे उनका सिर फूट गया। पेट में भी चोटें आईं।

कार्डिगन में रखा मोबाइल नहीं देख पाए डकैत

बाथरूम में सपना मित्तल ने तीन-चार मिनट के प्रयास के बाद हाथ खोल लिया, क्योंकि सोने की चूडिय़ां निकालने के कारण बंधन ढीला हो गया था। इसके बाद उन्होंने समर्थ का हाथ खोला। सपना के कार्डिगन (स्वेटर) में मोबाइल रखा था, जिस पर डकैतों की नजर नहीं गई थी। उन्होंने मोबाइल निकालकर समर्थ को दिया। समर्थ ने सबसे पहले भाई और पिता को फोन कर जानकारी दी और सतर्क रहने को कहा। उन्हें डर था कि दुकान पर भी कोई घटना न हो जाए। इसके बाद गूगल से नजदीकी थाने का नंबर खोजा। उन्हें कदमकुआं थाने का लैंडलाइन नंबर मिला, जिस पर काल करने के बाद पुलिस ने जवाब दिया कि आने में 20-25 मिनट लगेंगे। 

जानी-पहचानी आवाज सुनकर खोला गेट

मां-बेटे ने एहतियातन बाथरूम का गेट अंदर से बंद कर लिया था। कंपाउंड में रहने वाले लोग उनके घर पहुंचे तो वे डर से गेट नहीं खोल रहे थे। जब उन्हें जानी-पहचानी आवाज लगी तब दरवाजा खोला तो देखा कि बहुत सारे लोग हैं। उन्हें एक अपराधी के पकड़े जाने की जानकारी हुई। रुपये  जिस दराज से निकाले गए थे, वहीं एक अपराधी के रिवाल्वर से गोली निकलकर गिर गई थी।

किशोरों ने दिखाया साहस और पकड़ा गया अपराधी

कंपाउंड में तीसरी मंजिल पर सुरेंद्र मित्तल का घर है। डकैत नकदी और जेवरात से भरे बैग लेकर दौड़ते हुए सीढ़ी से नीचे उतर रहे थे, तभी उपरी मंजिल पर जा रहे कुछ लोगों की नजर उनपर पड़ गई। वे पकड़ो, पकड़ो कहकर शोर मचाने लगे। इस बीच एक अपराधी को कंपाउंड में खेल रहे किशोरों ने पकड़कर धक्का दे दिया। वह अपराधी नशे में धुत था मगर मुंह से शराब की गंध नहीं आ रही थी। ऐसा लग रहा है कि उसने गांजा या ड्रग्स का सेवन कर लिया था। लोगों ने उसकी पिटाई भी की, लेकिन वह अपना नाम तक नहीं बोल पा रहा था। लोगों ने पुलिस के आने तक उसके हाथ-पैर बांधे रखा।

पत्‍नी, दो बेटों और बेटी के साथ रहते हैं सुरेंद्र मित्तल

व्‍यवसायी सुरेंद्र प्रसाद मित्तल देव कुटीर कंपाउंड में तीसरी मंजिल पर पत्‍नी, दो बेटों और बेटी के साथ रहते हैं। उनके बेटे समर्थ मित्तल ने बताया कि बहन बाहर गई हैं। उन्‍होंने वकालत की पढ़ाई की है। उनके छोटे भाई सौरव मित्तल भी यहीं रहते हैं। जिस वक्‍त डकैत घर में घुसे, उस समय वे अपने कमरे में लैपटॉप पर काम कर रहे थे। घटना के बाद पूरा परिवार डरा-सहमा है। डकैतों ने उनके सामने ही कैश लूटे और जाने समय उन्‍हें और उनकी मां को बाथरूम में बंद कर दिया था।

पीएमसीएच में उपचार के बाद ले गई पुलिस

मौके से पकड़े गए अपराधी की लोगों ने बुरी तरह पिटाई कर दी थी। वह ड्रग्‍स के नशे में धुत था। गश्‍ती पुलिस उसे लेकर कदमकुआं थाने पर गई। इसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए पीएमसीएच (पटना मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल) ले जाया गया। सूत्रों की मानें तो डाक्‍टर ने ब्राउन शुगर का सेवन किए जाने की आशंका जताई है। इसके बाद उसे नींद की इंजेक्‍शन भी दी गई, ताकि सख्‍ती से पूछताछ करने पर उसकी सेहत न बिगड़े। इंजेक्‍शन देने से पहले उसे खाना खिलाने की सलाह दी गई थी।

कैश और ज्‍वेलरी लेकर गली से पैदल भाग गए डकैत

स्‍थानीय लोगों ने बताया कि वारदात के बाद भाग रहे डकैतों को खदेड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वे गली के रास्‍ते कैश और ज्‍वेलरी लेकर फरार हो गए। बड़ी बात है कि डकैतों को मालूम था कि बालकनी के तरफ वाला दरवाजा पूरे दिन खुला रहता है। सुरेंद्र मित्तल के आने का वक्‍त भी उन्‍हें पता था। इस बात की भी जानकारी थी कि घर में मोटा कैश रखा है। ऐसे में पुलिस मानकर चल रही है कि लाइनर घर या परिवार का करीबी होगा। घर में काम करने वाले नौकरों पर भी पुलिस को शक है। पुलिस उनके मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर रख सकती है।

टोपी और मास्‍क से ढके थे चेहरे

समर्थ ने बताया कि घर के अंदर आए चारों डकैतों ने टोपी और मास्‍क लगाकर चेहरे को ढक रखा था। पुलिस को यकीन है कि इस घटना में स्‍थानीय बदमाशों का हाथ है। यही कारण है कि वे गलियों से अच्‍छी तरह परिचित थे। डकैती की घटना को अंजाम देने में आरोपितों ने 10-12 मिनट का समय लिया। उम्‍मीद है कि पकड़े गए एक अपराधी के होश में आने के बाद पूरे गिरोह का पता चल जाएगा। वैसे पुलिस ने उसके पास से जो मोबाइल बरामद किया है, उसकी काल हिस्‍ट्री में मिले नंबरों को खंगाला जा रहा है।


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