सफलता की राह पर ‘रोड एक्सप्रेस’, स्टार्टअप से 500 के हाथ में दी सपने साकार करने की चाबी
आशुतोष कुमार ने न सिर्फ अपने सपनों को साकार कर लिया है बल्कि पांच सौ से अधिक बेरोजगारों के हाथों में सफलता की चाबी थमा दी है। जानें कैसे वे चला रहे स्टार्टअप।
श्रवण कुमार, पटना। युवा इंजीनियर आशुतोष कुमार ने न सिर्फ अपने सपनों को साकार कर लिया है, बल्कि पांच सौ से अधिक बेरोजगारों के हाथों में सफलता की चाबी थमा दी है। यह बिहार के चर्चित स्टार्टअप ‘रोड एक्सप्रेस’ की प्रेरक कहानी है। बेंगलुरु के श्री वेंकटेश कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बीटेक कर चुके आशुतोष ने नौकरियों के ऑफर ठुकरा कर स्वउद्यम करने और दूसरों को रोजगार देने की ठानी थी।
सालभर में हासिल किया मुकाम
सालभर में उन्होंने यह मुकाम हासिल कर दिखाया। सोच-समझकर खुद की कंपनी खड़ी की और साल भर के अंदर एक करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर कंपनी को सफल उद्यम के रूप में स्थापित कर चुके हैं। ट्रांसपोर्ट के इस स्टार्ट अप का आइडिया उन्हें बेंगलुरु से गृह नगर पटना आने के दौरान मिला। बताते हैं, सामान शिफ्ट करने में समस्या पेश आई तो बाद में इस बारे में अध्ययन किया। पाया कि इस काम में हाथ आजमाए जा सकते हैं।
कड़ी मशक्कत के बाद पाई सफलता
2018 में पटना में इंटर और इंट्रा स्टेट लॉजिस्टिक प्रोवाइडर फर्म की शुरुआत कर दी। आशुतोष ने इस काम में अपने दोस्त सनी कुमार को भी साथ लिया और रोड एक्सप्रेस के नाम से नई कंपनी बनाई। चुनौतियों का सामना करते हुए पहले स्थानीय दुकानदारों, खुदरा विक्रेताओं से संपर्क किया। दुकानों पर अपनी कंपनी का पोस्टर चिपकाया। माल ढोने वाले चार वाहन चालकों से संपर्क साधा। फिर सामान यहां से वहां ले जाने के लिए लोगों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने लगे। देखते ही देखते काम गति पकड़ने लगा।
मोबाइल एप्लीकेशन लांच कर लेना शुरू किया अॉनलाइन आर्डर
पटना में इस कंपनी की खासी चर्चा होने लगी और कस्टमर्स की संख्या बढ़ने लगी। तब मोबाइल एप्लीकेशन लांच कर ऑनलाइन आर्डर लेना भी शुरू कर दिया। सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप आइडिया का पुरस्कार..मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप आइडिया का पुरस्कार रोड एक्सप्रेस को मिला। 12 फरवरी 2019 को कुछ चुनिंदा स्टार्टअप, जिन्हें सिलिकॉन वैली (कैलीफोर्निया) में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, उनमें यह स्टार्टअप भी शामिल था। 2019 में ही कनाडा के टोरंटो में कार्यालय खोल उन्होंने कंपनी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दे दी। आज एक हजार से ज्यादा हैप्पी कस्टमर्स रोड एक्सप्रेस के पास हैं।