पटना की बदहाल सड़कें : टूटी सड़क नहीं जगा पाई जगदेव नगर का भविष्य
पटना दानापुर नहर से निकलने वाली जगदेव नगर की सड़क डेढ़ साल पहले बनी लेकिन छह माह में ही टूट गई।
पटना : दानापुर नहर से निकलने वाली जगदेव नगर की सड़क डेढ़ साल पहले बनी, लेकिन छह माह में ही टूट गई। अधिकाश क्षेत्रों में सड़क ने अपना अस्तित्व खो दिया है। फिर भी बड़ी आबादी इस टूटी सड़क से ही आने-जाने को मजबूर है। सड़क के साथ ड्रेनेज नहीं बनने के कारण स्थिति भयावह है।
बेली रोड से उत्तर और दानापुर नहर के पश्चिम भाग में स्थित जगदेव नगर यानी नहर रोड के समानांतर जा रही सड़क ने अपना अस्तित्व खो दिया है। मुख्य सड़क पर ड्रेनेज नहीं बनाया गया है। मोहल्ले के लोगों की मुख्य मागों में ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था रही। यह क्षेत्र तेजी से बसा हुआ है। दस साल पहले यह क्षेत्र खेत था। अब यहां घनी आबादी बस गई है। दानापुर नहर रोड से उतरते ही टूटी सड़क मिलती है। बीच-बीच में खाली स्थान रहने के कारण जल निकासी हो जा रही है। मच्छरों का प्रकोप अधिक है। यहां सफाई की व्यवस्था भी नहीं के बराबर है। कभी फॉगिंग भी नहीं होती है। ---बोले नागरिक---
- डेढ़ साल पहले पीसीसी सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन वह छह माह के अंदर ही टूट गई। अब बिल्कुल चलने लायक नहीं है। जलजमाव वाला क्षेत्र बन गया है। पानी भी नहीं निकलता है।
-मनोज कुमार
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- बारिश होते ही जलजमाव हो जाता है। झाड़ू तक नहीं लगती है। नियमित रूप से कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं की गई है। यहां जनसमस्याओं का अंबार है। दानापुर नगर परिषद का इस क्षेत्र पर ध्यान नहीं है।
-मालती देवी
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-रोड नहीं, जल निकासी के लिए नाले की जरूरत है। घर का पानी नहीं निकलता है। बारिश होते ही जलजमाव हो जाता है। अब शहर का मुख्य हिस्सा बन गया है तो सरकार को ध्यान देना चाहिए।
-मंजू देवी
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-ड्रेनेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है। जब तक ड्रेनेज नहीं बनेगा, समस्या बनी रहेगी। सड़क बनने से कोई लाभ नहीं है। योजनाबद्ध तरीके से इस क्षेत्र में कार्य करना होगा।
-मनोज कुमार
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- रोड की स्थिति बहुत ही खराब है। बारिश के मौसम में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। पूरा क्षेत्र दानापुर नहर से नीचे है। इस कारण जल निकासी नहीं हो पाती है। यह क्षेत्र निचले हिस्से में है।
- मृत्युंजय कुमार
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- बिजली आपूíत की बेहतर व्यवस्था है। इसके अलावा कोई नागरिक सुविधा नहीं है। न रोड है, न ही घर का पानी निकलने की उचित व्यवस्था है। मच्छरों का प्रकोप काफी है। कभी फॉगिंग भी नहीं होती है।
-ब्रजभूषण सिंह