RLSP सुप्रीमो ने जताई लालू परिवार से सहानुभूति, NDA से दिखाई दूरी
रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से सहानुभूति जताई है, तो वहीं एनडीए से दूरी दिखाई है, जिससे राजनीति गरमा गई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू तथा लोजपा द्वारा मकर संक्रांति के मौके पर दिए गए दही-चूड़ा के भोज से दूर रहकर और राजद प्रमुख लालू प्रसाद तथा उनके परिवार के प्रति सहानुभूति जता कर प्रदेश की सियासत में उफान पैदा कर दिया है।
कुशवाहा ने कहा है कि लालू प्रसाद और उनका परिवार संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसी परिस्थिति में उनके खिलाफ कुछ टीका-टिप्पणी करना सही नहीं है। कोर्ट और कानून अपना काम कर रहा है। लालू प्रसाद और उनके परिवार को कोर्ट की प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।
पार्टी द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर सोमवार को आयोजित दही-चूड़ा के भोज में एनडीए के दूसरे घटक दल के एक भी नेता के मौजूद नहीं होने के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि आयोजन कार्यकर्ताओं के लिए था। पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था। जबकि जदयू और लोजपा के भोज में शामिल नहीं होने संबंधी एक सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि हैदराबाद में रहने की वजह से उस भोज में सम्मिलित नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही सीटों के बंटवारे के सवाल पर कुशवाहा एनडीए से नाराज हो गए थे। उस समय एनडीए के शीर्ष नेताओं ने हस्तक्षेप कर मामला को शांत करा दिया था। चुनाव में रालोसपा का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। उसके बाद एनडीए में कुशवाहा को महत्व कम होने लगा।
एनडीए के कार्यक्रम से भी वे गायब रहने लगे। जब बिहार में एनडीए विपक्ष में था तो उस समय भी वे नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते रहे मगर लालू प्रसाद के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज किया। महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद एनडीए सरकार बनने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में रालोसपा को जगह नहीं मिली।
बताया जाता है कि लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज कुशवाहा का लालू के प्रति प्रेम बढ़ गया। राजद द्वारा भी एनडीए में रहने के बावजूद उनपर कभी निशाना नहीं साधा गया है। लालू भी जेल जाने से पहले कई दफा कुशवाहा की प्रशंसा कर चुके हैं।