उपेंद्र कुशवाहा का तंज-जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है
भाजपा और एनडीए से नाराज चल रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। कविता की ये पंक्तियां उन्होंने मोतिहारी में दुहराई हैं।
पटना, जेएनएन। मोतिहारी पहुंचे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार और भाजपा से नाराज हैं और अपनी नाराजगी उन्होंने एक कविता के माध्यम से दर्शायी है। उन्होंने कविता की पंक्तियां दुहराते हुए कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। पूर्वी चंपारण के पकड़ीदयाल में पार्टी नेता की हत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने मोतिहारी आए कुशवाहा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कहीं।
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा कल ही शाम में दिल्ली से पटना पहुंचे हैं और पटना एयरपोर्ट पर ही अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि "यह दुर्भाग्य की बात है कि एनडीए में मेरी उपेक्षा हो रही है।" उनके इस बयान से ये साफ झलक रहा है कि वो बीजेपी से खासे नाराज हैं।
बता दें कि कुशवाहा ने भाजपा को 30 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था कि जल्द ही वो फैसला कर लें कि क्या करना है? अल्टीमेटम की अवधि तक उनकी पीएम मोदी से मुलाकात तक नहीं हो पायी और ना ही बीजेपी का कोई भी नेता उनसे मिलने आया। इससे आहत कुशवाहा ने संकेतों में कहा है कि बीजेपी और एनडीए के गिरावट का वक्त आ गया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने का समय क्यों नहीं मिला, इसका जवाब बीजेपी के लोग बेहतर बता सकते हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी ये आप उनसे पूछ सकते हैं?