Corona संकट में किसानों-मजदूरों को नहीं मिल रही सुविधा को लेकर RLSP का नीतीश सरकार पर हमला
कोरोना के संक्रमण काल में किसानों-मजदूरों को सुविधा नहीं मिलने को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है। कहा किसानों की हालत दयनीय है।
पटना, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण काल में किसानों-मजदूरों को सुविधा नहीं मिलने को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है। रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल कुमार ने कहा कि बिहार के किसानों की बेहद दयनीय स्थिति हो गई है। सरकार ध्यान नहीं दे रही है। कटनी कराने वाले ड्राइवरों का पास कैंसिल कर दिया गया है। जो फसल कटेगी, बंदी के कारण उसे खरीदने वाला कोई नहीं है। उधर, रालोसपा चुनाव अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जीतेंद्र नाथ ने भी दूसरे प्रदेशों में बिहार के प्रवासी मजदूरों की दयनीय स्थिति को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया है।
रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल कुमार ने कहा कि बिहार के किसानों की हालत बेहद दयनीय है। अभी 7 अप्रैल को डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कृषि कार्य के लिए 750 कर्फ्यू पास जारी करने की जानकारी दी थी। मकसद था बिहार के किसान पंजाब-हरियाणा से हार्वेस्टर ड्राइवर को बिहार लाकर गेहूं के कटनी करवा सकें। लेकिन मुख्य सचिव ने सारा पास कैंसिल कर दिया। इतना ही नहीं पंजाब, हरियाण और उत्तरप्रदेश के हार्वेस्ट ड्राइवरों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन करने का भी निर्देश दिया है। सरकार की स्पष्ट नीति नहीं होने से किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही किसानों को बहुत लॉस हो रहा है। इसके पहले किसान असामयिक बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल चुके हैं। हालात इतने खराब हैं कि किसान पहले तो अपनी फसल नहीं कटवा पा रहे हैं, दूसरी तरफ फसल कट भी जाए तो उसे बेचने के लिए मंडी नहीं है। ऐसे में किसानों के घरों के चूल्हे की आंच ठंडी हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। बिहार के 15 वर्षीय सुशासन का हाल यह है कि यहां के किसान अभी भी समय से अपनी फसलों का दाम नहीं ले पाते हैं। पैक्स में धान खरीदी में साल-छह महीने में भुगतान हो रहा है।
उन्हाेंने कहा कि गेहू, दलहन, तिलहन की खरीदी का कोई वाजिब इंतजाम भी नहीं है और नतीजतन किसानों को औने पौने दाम पर अपनी फसल बेचना पड़ेगा। रालोसपा का मानना है कि सरकार लॉकडाउन और ओलावृष्टि की मार झेल रहे पीड़ित किसानों को राहत देने के लिए हरियाणा-पंजाब की तर्ज पर अनाज के एक-एक दाने को खरीद लेने की सुनिश्चित व्यवस्था करे।
दूसरी ओर, रालोसपा चुनाव अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जीतेंद्र नाथ ने कहा कि पहले सूरत, फिर गुड़गांव और अब दिल्ली से प्रवासी मजदूरों के साथ झड़प, मारपीट की घटनाएं हुई हैं। सूरत में तो 1300 प्रवासियों पर मामला दर्ज किया गया तो 81 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुम्बई, दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों से खाने के अभाव में बेहाल मजदूरों की दर्दभरी कहानियां लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने लॉकडाउन से पहले ही प्रवासी मजदूरों के लिए 100 करोड़ का आवंटन करने की घोषणा की थी, लेकिन रेजिडेंट कमिश्नर अभी तक प्रवासी मजदूरों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करते दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक है। सरकार इस दिशा में अविलंब कदम उठाए, अन्यथा आने वाले दिनों में और कई चिंताजनक खबरें आ सकती हैं। बिहार सरकार से हम आग्रह करेंगे कि सरकार अविलंब ऐसी घटनाओं का संज्ञान ले और संबंधित राज्यों से बात कर न सिर्फ मदद करे बल्कि खाने की भी पर्याप्त व्यवस्था करे।