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लालू ने कहा- बोर्ड परीक्षा में बच्चा का नहीं, मास्टर के जूता-मोजा पर लगाओ रोक

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार बोर्ड की परीक्षा में परीक्षार्थियों के जूता मोजा पर रोक लगाने को लेकर कहा कि बच्चों के जूता-मोजा पर नहीं बल्कि मास्टर के मोजा पर रोक लगाएं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 05:41 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 04:10 PM (IST)
लालू ने कहा- बोर्ड परीक्षा में बच्चा का नहीं, मास्टर के जूता-मोजा पर लगाओ रोक
लालू ने कहा- बोर्ड परीक्षा में बच्चा का नहीं, मास्टर के जूता-मोजा पर लगाओ रोक

पटना/रांची [जागरण टीम]। चारा घोटाले के दो मामले में आज राजद सुप्रीमो रांची के सीबीआइ कोर्ट में पेश हुए। पेशी के बाद लालू ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि बिहार बोर्ड के परीक्षा में बच्चा लोगों को जूत मोजा पहनने पर रोक लगा दिया है। रोक तो टीचर सबपर लगना चाहिेए, वही सब अपने मोजा में चिट-पुर्जा भरकर लाता है और बच्चा सबको देता है।

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लालू ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था चौपट है, स्कूल में पढ़ाई होता नहीं है और बच्चा सबको पढ़ाने के बजाय परेशान करने का ये सब हथकंडा है। पढ़ाई ठीक कर दीजिए सब ठीक हो जाएगा। कोई जूता-मोजा बैन का जरूरत ही नहीं पड़ेगा।

सीएम नीतीश के जापान दौरे पर तंज कसते हुए लालू प्रसाद ने कहा नीतीश जापान गया है। मोदी जी वाला पकौड़ा लेने। कौन बोलता है कि वह निवेश कराएगा। वह घूमने गया है, और घूमकर आएगा। ये सब मन बहलाने के लिए जाता है, काम क्या करेगा? आप ही सोचिए जापान से निवेश करने यहां कौन आएगा?

चारा घोटाला-बिना रजिस्ट्रेशन की गाड़ी से ढो लिए गए पशु

आज चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में उनकी पेशी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में हुई। इस मामले में तमिलनाडु के 4 आरटीओ की गवाही अदालत में दर्ज की गई। गवाही में यह बात सामने आई कि  दो वैसे वाहन जांच में पाए गए हैं, जिसका रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं था।

रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं और  उससे पशु चारे की ढुलाई दिखाई गई। घोटाले के आरोपियों द्वारा इन वाहनों का नंबर चालान में भरकर पैसे की निकासी कर ली गई थी। इतना ही नहीं एक ऐसी ट्रक से पशु चारा व उपकरण की ढुलाई दिखाई गई जिसकी बाडी बनी ही नहीं थी।  

अदालत में तमिलनाडु के तिरुनुवली के आरटीओ जे शशि, करुर के आरटीओ के सुब्रमण्यम, चेन्नई ईस्ट के आरटीओ एन थिनाकरण व नकीपलयम जिला नवाकाल के आरटीओ आर वेंकटेशन ने गवाही दी।  गवाही सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दर्ज कराई।

उन्होंने बताया कि सभी आरटीओ ने तत्कालीन आरटीओ और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर द्वारा सीबीआइ को लिखे गए पत्र की पहचान न्यायालय में की। इसमें सीबीआइ एसपी द्वारा वाहन का नंबर भेजकर विवरणी उपल्बध कराने को कहा था। गवाहों दृआरा विवरणी दिया गया था। बीएमपी सिंह ने बताया कि चारों गवाहों ने 11 वाहनों की विवरणी से संबंधित जानकारी न्यायालय को दी। 

बताया कि दो वैसे वाहन का नंबर उन्हें पता चला, जिसका रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ था। एक ट्रक का ऐसा नंबर था जिसका बाडी ही नहीं बनी थी। तीन दो पहिया वाहन के नंबर हैं बाकी के सभी ट्रक थे।

मामले में आपूर्तिकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने गवाहों से जिरह  किया। राजनीतिक नेताओं के अधिवक्ताओं ने गवाह से जिरह करने का इंकार किया गया। कहा गया कि ये गवाह उनसे संबंधित नहीं हैं। लालू प्रसाद के अधिवक्ता भी गवाह से जिरह नहीं किए। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि गवाह उनसे संबंधित नहीं था इसलिए वे जिरह नहीं किए। 

आज की गवाही पूरी होने के बाद लालू प्रसाद व अन्य आरोपियों को दुमका कोषागार से अवैध निकसी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश हुए।


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