रांची से लालू ने राबड़ी को किया फोन, कहा- हम ठीक से बानी, चिंता मत करीह
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रांची सीबीआइ कोर्ट से अपनी पत्नी राबड़ी देवी से बात की और कहा कि हम ठीक बानी चिंता मत करीह। फिर लालू ने अपने अंदाज में मीडियाकर्मियों से बात की।
पटना [जेएनएन]। चारा घोटाला मामले में रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में अपनी हाजिरी लगाई। दुमका और डोरंडा मामले में लालू के साथ पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा सहित अन्य आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से लाकर पेश किया गया था।
लालू को सबसे पहले दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान लालू अधिवक्ता और राजद के नेताओं से घिरे रहे। चाय की चुस्की भी ली। पान मसाला भी खाने से नहीं चूके।
लालू ने मोबाइल पर पत्नी राबड़ी देवी से भी बात की। उन्होंने कहा ठीक बा इहां, बोलअ, चिंता मत करीह लोग...हम ठीक से बानी...। लालू के करीबी भोला यादव ने मोबाइल लगाकर उनके हाथों में यह कहते हुए दिया था कि मैडम लाइन पर हैं।
लालू ने मीडियाकर्मियों को भी नसीहत देने से परहेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बातों को छापा करें। कोर्ट के सब बाते छाप दे त.., खैनी-उईनी भी खाय द। थूकत बानी ऊहो छपअता..। जेल अइह त पता चली...। इसपर एक मीडियाकर्मी ने कहा कि कोई बात नहीं लालू जी आप कोर्ट से बाहर निकलियेगा तो अपना पक्ष दे दीजिएगा। इसके बाद लालू ने चुप्पी साध ली।
जिस वक्त लालू कोर्ट रूम में आए थे उस वक्त न्यायाधीश नहीं थे। लालू ने पहले बोतलबंद मिनरल वाटर का पानी पीया फिर कांच के ग्लास में कड़क चाय पी। इस दौरान वे समर्थकों से बात की। उसके बाद न्यायाधीश शिवपाल सिंह कोर्ट में आए। उन्होंने अलग-अलग मामले में पहले सुनवाई की और फिर दुमका कोषागार मामले में कहा कि इस मामले में किसी को भी कुछ कहना है तो 15 जनवरी तक दस्तावेज जमा कर दें। उसके बाद न्यायाधीश ने लालू से कोई बात नहीं की।
सीबीआइ कोर्ट के फैसले के खिलाफ लालू ने दाखिल की हाई कोर्ट में अपील
चारा घोटाले में सजा पाए लालू प्रसाद और पूर्व सांसद आरके राणा की ओर से सीबीआइ कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई है। इसके अलावा जमानत देने की गुहार भी लगाई गई है। बता दें कि छह जनवरी को सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।