Move to Jagran APP

अस्पताल में हैं बीमार लालू, झारखंड में बढ़ा रहे भाजपा की परेशानी, जानिए

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिलहाल चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वे रिम्स में भर्ती हैं। लेकिन इलाजरत लालू भाजपा की परेशानी बढ़ा रहे हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 09:43 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 10:56 PM (IST)
अस्पताल में हैं बीमार लालू, झारखंड में बढ़ा रहे भाजपा की परेशानी, जानिए
अस्पताल में हैं बीमार लालू, झारखंड में बढ़ा रहे भाजपा की परेशानी, जानिए

पटना [अरविंद शर्मा]।  चारा घोटाले में रांची (जेल और अस्पताल) में रहते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद झारखंड में भाजपा की राह में रोड़े अटका रहे हैं। उनकी मौजूदगी के कारण विपक्षी दलों में ऊर्जा का संचार हो रहा है।

loksabha election banner

अब तक एकला चलो की राह से गुजर रहे कांग्रेस, झामुमो और झाविमो ने लोकसभा चुनाव के पहले गोलबंद होने के संकेत दे दिए हैं। गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा बाबूलाल मरांडी को लेकर आ रही थी, लेकिन लालू से लगातार मुलाकात के बाद अब वह भी किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार दिख रहे हैं। 

झारखंड में विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद होने हैं। ऐसे में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए भी लालू परेशानी के सबब बन सकते हैं। राजद की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के मुताबिक विधानसभा की दो सीटों पर हाल में हुए उपचुनाव में मरांडी ने कुर्बानी देकर साबित भी कर दिया है कि भाजपा के खिलाफ झारखंड में विपक्ष महागठबंधन बनाने की ओर बढ़ रहा है।

अन्नपूर्णा इसका श्रेय लालू को देती हैं। उनके मुताबिक मरांडी ने पहली मर्तबा झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के नेतृत्व से गुरेज और परहेज नहीं किया है। बड़े दल को बड़ा सम्मान बख्शा है। 

झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय झारखंड की राजनीति में लालू की भूमिका को थोड़ा और स्पष्ट करते हैं। उनके मुताबिक लालू प्रसाद की वरिष्ठता विपक्ष के गठबंधन में अहम भूमिका निभा रही है। लालू ने दायें-बायें चल रहे दलों को रास्ता दिखाया है। हालांकि झाविमो प्रमुख बाबूलाल इसे वक्त की जरूरत बताते हैं। भाजपा से अलग होने के बाद से ही एकाकी चल रहे मरांडी को वक्त ने बहुत सारे सबक दिए हैं।

झारखंड की सियासत को भाजपा का विकल्प देने की कोशिश में उनके महत्वपूर्ण 13 साल गुजर गए, लेकिन हर बार उन्हें अपने लोगों ने ही आईना दिखाया है। इसलिए इस बार वह कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस और झामुमो को कभी किसी से परहेज नहीं रहा है। जाहिर है, लालू की मौजूदगी मात्र से झारखंड में विपक्षी एकता की पटकथा तैयार है। सिर्फ घोषणा भर बाकी है। 

उपचुनाव के नतीजे ने भी बढ़ाया हौसला 

लालू दिसंबर से ही रांची की जेल में आना-जाना कर रहे हैं। इसी दौरान मई में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे ने भी बिखरे विपक्ष को उत्साहित-प्रभावित किया।

गोमिया और सिल्ली दोनों सीटों पर भाजपा गठबंधन के सफाए ने विपक्षी दलों को राज्य में भाजपा को आगामी चुनावों में सत्ता से बेदखल करने का फॉर्मूला दिखाया-समझाया है। हालांकि दोनों सीटों पर भाजपा से झामुमो का सीधा मुकाबला नहीं था, बल्कि राजग के घटक दल आजसू से सामना था, किंतु जीत ने एकता का पाठ तो जरूर पढ़ाया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.