सियासी पोस्टर 'हिसाब-दो, हिसाब लो' पर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने पूछा-रिपोर्ट कार्ड कहां है...
बिहार में सियासी पोस्टर वार जारी है। पटना के चौराहे पर लगे पोस्टर हिसाब दो-हिसाब लो पर अब सियासत जारी है। राजद ने सीएम नीतीश से विकास कार्यों के रिपोर्ट कार्ड को लेकर तंज कसा है।
पटना, जेएनएन। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पोस्टरबाजी का दौर जारी है। पोस्टर के जवाब में पोस्टर के बाद अब नए पोस्टर को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। पटना के एक चौराहे पर नया पोस्टर लगा है जिसमें जदयू की तरफ से राजद को पंद्रह बनाम पंद्रह साल को दिखाया गया है। सबसे ऊपर लिखा है हिसाब दो-हिसाब लो...इस पोस्टर पर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने पूछा है कि क्या नीतीश जी , सियासत में नई परंपरा क़ायम करने का प्रयास कर रहे हैं?
उन्होंने कहा है कि काम का हिसाब तो सत्ताधारीदल से मांगा जाता है । प्रतिपक्षी से हिसाब मांग कर नीतीश यह साबित कर रहे हैं कि सरकार के पंद्रह वर्षों के काम के बदौलत जनता का विश्वास हासिल करने का आत्मविश्वास उनमें नहीं है। इसलिए जो पंद्रह वर्षों से सत्ता के बाहर है उसको सामने खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवानंद तिवारी ने इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि आपने बिहार में अगर विकास की नदी बहा दी है तो नीति आयोग उनकी सरकार को नालायक का प्रमाण पत्र क्यों दे रहा है?
यही नहीं, स्मरण होगा, नीतीश जी ने एक परंपरा बनाई थी. जब से उनकी सरकार बनी है तब से नए वर्ष की शुरूआत में वे अपनी सरकार के काम का रिपोर्ट कार्ड जारी करते थे। लेकिन पिछले चार वर्षों से रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं हो रहा है, क्यों? इसका अर्थ तो यही निकाला जा सकता है कि स्वयं नीतीश जी को यह यक़ीन नहीं है कि उनकी सरकार ने जनता को बताने लायक़ कोई ऐसा काम नहीं किया है जिसका रिपोर्ट कार्ड जारी किया जा सके।
राजद नेता ने तंज कसा है कि दरअसल हाल में हुए राज्यों के चुनाव नतीजों से भाजपाई कुनबे का आत्मविश्वास हिल गया है और झारखंड चुनाव के नतीजा ने तो इनकी नींद उड़ा दी है। नीतीश जो बोल रहे हैं वह उसीका नतीजा है।