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बिहार के राजद नेता ने दी सोनिया गांधी को सलाह, साथ ही याद दिलाया PM पद त्यागने का दौर

शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सलाह दी है कि वह देश और लोकतंत्र की हिफाजत के लिए पुत्र मोह का त्याग करें। उन्होंने सोनिया को स्मरण दिलाया कि किस तरह आपने देशहित के लिए प्रधानमंत्री पद का त्याग किया था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 08:51 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 08:51 PM (IST)
बिहार के राजद नेता ने दी सोनिया गांधी को सलाह, साथ ही याद दिलाया PM पद त्यागने का दौर
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राजद नेता शिवानंद तिवारी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सलाह दी है कि वह देश और लोकतंत्र की हिफाजत के लिए पुत्र मोह का त्याग करें। उन्होंने सोनिया को स्मरण दिलाया कि किस तरह आपने देशहित के लिए प्रधानमंत्री पद का त्याग किया था। उस पद का त्याग, जिसके लिए देश के बड़े-बड़े नेता तरह-तरह के नाटक कर चुके हैं। तिवारी ने कहा-2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सोनिया गांधी के ही नेतृत्व में बहुमत मिला था। सोनिया ही प्रधानमंत्री की कुर्सी की स्वभाविक अधिकारी थीं। प्रधानमंत्री न बनने का फैसला करना उनका असाधारण कदम था।

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कांग्रेस की हालत बिना पतवार के नाव की

समाजवादी नेता ने शुक्रवार को यहां कहा कि कांग्रेस की हालत बिना पतवार के नाव की हो गई है। राहुल गांधी में लोगों को उत्साहित करने की क्षमता नहीं है। जनता की बात छोड़ दीजिए, पार्टी के लोगों का ही उन पर भरोसा नहीं है। इसलिए जगह-जगह के लोग कांग्रेस पार्टी से मुंह मोड़ रहे हैं। मजबूरी में सोनिया गांधी कामचलाऊ अध्यक्ष के रूप में किसी तरह पार्टी को खींच रही हैं। आज उनके सामने यक्ष प्रश्न है-पार्टी या पुत्र? बेशक लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्हें पुत्र मोह का त्याग करना चाहिए। 

राजद और कांग्रेस साथ मिलकर लड़े थे चुनाव 

बताते चलें कि एक महीने पहले नवंबर में संपन्न हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस ने साथ मिलकर हाथ आजमाया था। चुनाव में कांग्रेस को बड़ी निराशा हाथ लगी थी। वहीं राजद बिहार में 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बिहार में एनडीए की सरकार बनते ही शिवानंद तिवारी कांग्रेस पर हमलावर हो गए थे। हार के बाद ही उन्होंने कांग्रेस पर ठीकरा मढ़ दिया था। साथ ही वामदलों ने भी दबी जुबान से कांग्रेस के महागठबंध की हार का जिम्मेदार बताया था। 


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