राजद के रघुवंश सिंह ने बिहार के छोटे दलों को चेताया, सौदेबाजी न करें
सीट शेयरिंग पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के छोटे दलों को नसीहत दी है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के छोटे दलों को सौदेबाजी न करने की नसीहत दी है। दरअसल उन्हें छोटे दलों की नीयत पर भरोसा नहीं है। उन्हें शक है कि चुनाव बाद ये दल भाजपा के प्रभाव में आकर अपने लक्ष्य से भटक न जाएं।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह ने बातचीत में महागठबंधन के लक्ष्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि हम भाजपा को हराने के मकसद से ही एक छतरी के नीचे आ रहे हैं। ऐसे में छोटे दल सिर्फ लक्ष्य को देखें। जीतने वाले प्रत्याशी लाएं, तभी सीट मांगें। रघुवंश ने छोटे दलों को महागठबंधन के चार सबक भी बताए।
उन्होंने कहा, कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, कॉमन प्लेटफॉर्म और कॉमन सिंबल पर चुनाव लड़ें। भाजपा चुनाव बाद भी खरीद-फरोख्त में माहिर है। इसलिए महागठबंधन के बड़े दल अभी बैठकर तय कर लें कि छोटे दलों के लिए कॉमन सिंबल का फार्मूला हो सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री के इस बयान का महागठबंधन के छोटे घटक दलों पर असर पडऩा तय माना जा रहा है। बयान के सियासी मायने निकाले भी जाने लगे हैं।
दरअसल रघुवंश सिंह का संकेत हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी के शरद यादव और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा समेत अन्य छोटे दलों की ओर है, जिन्होंने महागठबंधन में लोकसभा की अधिक से अधिक सीटों पर दावा कर रखा है। ऐसी पार्टियों की राजनीतिक विश्वसनीयता को संदेह से परे नहीं माना जा सकता है और ये अपने फायदे के लिए चुनाव बाद भी इधर-उधर जा सकते हैं।